सार

Mahakal Lok: 11 अक्टूबर, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में बने महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इस कार्यक्रम में अलग-अलग प्रदेशों की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिलेगी। कई राज्यों के कलाकार यहां प्रस्तुति देंगे।
 

उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर का विस्तारीकरण किया गया है। पहले इस मंदिर का क्षेत्रफल काफी कम था, जिसे बढ़ाकर अब 20 हेक्यटेर में कर दिया गया है। इसे महाकाल लोक का नाम दिया गया है। 11 अक्टूबर, मंगलवर को प्रधानमंत्री इसी प्रोजेक्ट का लोकार्पण करने उज्जैन आ रहे हैं। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान 200 संत भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। विभिन्न राज्यों के करीब 700 कलाकार महाकाल लोक में अलग-अलग स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री कार्तिक मेला ग्राउंड में जन सभा को संबोधित करेंगे। 

6 राज्यों के कलाकार देंगे प्रस्तुति
महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए 6 अलग-अलग राज्यों के कलाकार यहां प्रस्तुति देने आ चुके हैं। यहां मालवा संस्कृति का नृत्य, गुजरात का गरबा, झारखंड के ट्राइबल एरिये से आए कलाकार भस्मासुर, केरल के कलाकार कथक और आंध्र प्रदेश के कलाकार कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति देंगे। 

रक्षा सूत्र से बना शिवलिंग
तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी 11 अक्टूबर, मंगलवार को शाम 6:00 बजे महाकाल मंदिर के नंदी द्वार पर लोकार्पण के लिए पहुंचेंगे। इसके पहले मोदी 15 फीट ऊंचे रक्षा सूत्र से निर्मित शिवलिंग की पर दीप प्रज्वलन करेंगे। महाकाल मंदिर से निकलकर पीएम शिप्रा तट पर मां शिप्रा को पुष्प अर्पित कर पूजा करेंगे। 

अगले 50 साल की प्लानिंग है महाकाल लोक 
महाकाल लोक को लेकर कहा जा रहा है कि आने वाले 50 साल को लेकर इसका योनजा तैयार की गई है। विशेष अवसर जैसे शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ को लेकर यहां की दर्शन व्यवस्था बेहतर बनाई जा रही है, जो देश के किसी मंदिर में देखने को नहीं मिलेगी। प्लानिंग इस तरह की गई है कि एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। 

डेढ़ लाख भोजन के पैकेट बनेंगे
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी के अनुसार, मोदी की जनसभा में आने वाले सभी लोगों को भोजन के पैकेट दिए जाएंगे। इसके लिए लगभग डेढ़ लाख भोजन पैकेट तैयार किए जाएंगे। पैकेट में भगवान महाकाल का विशेष लड्डू प्रसाद भी रखा जाएगा। रविवार से ही लड्डू प्रसाद यूनिट से लड्डू प्रसाद भोजन निर्माण स्थल पर भेजना शुरू कर दिया है।


ये भी पढ़ें-

Mahakal Lok: उज्जैन आएं तो मंदिरों के अलावा इन 4 जगह भी जरूर जाएं, ‘जंतर-मंतर’ भी है इनमें शामिल


Temples of Ujjain: उज्जैन में महाकाल के अलावा ये 10 मंदिर भी है प्रसिद्ध, जानें क्या हैं इनसे जुड़ी मान्यताएं?

Mahakal Lok: उज्जैन में है सप्त सागर, कहीं चढ़ाते हैं खीर तो कहीं मालपुआ, जानें क्या है ये परंपरा?