सार

भारतीय संस्कृति में घर आए मेहमान को भगवान के समान माना गया है। इसीलिए कहा जाता है कि अतिथि देवो भव: यानी अतिथि भगवान के समान है।

उज्जैन. अतिथि का आदर-सत्कार करना शिष्टाचार भी है और ग्रंथों के अनुसार इससे पुण्य भी बढ़ते हैं। विष्णु पुराण में बताया गया है कि हमें मेहमानों से कौन-कौन बातें नहीं पूछनी चाहिए। यहां जानिए ये बातें कौन-कौन सी हैं...

पहली बात
जब भी कोई अतिथि घर आए तो उससे उसकी शिक्षा के विषय में बात नहीं करनी चाहिए। पढ़ाई के विषय में बात करने में काफी लोगों को असुविधा होती है।

दूसरी बात
मेहमान से उसकी गौत्र या जाति के विषय में नहीं पूछना चाहिए। इस बात से व्यक्ति असहज हो सकता है।

तीसरी बात
घर आए अतिथि से उसकी कमाई की बात भी नहीं पूछनी चाहिए। यदि उसकी कमाई हमारी तुलना में कम होगी तो उसे बताने परेशानी होगी।

विष्णु पुराण का संक्षिप्त परिचय
विष्णु पुराण अट्ठारह पुराणों में से एक है। इस पुराण में भगवान विष्णु की महिमा बताई गई है। साथ ही, इसमें हमें सुखी जीवन के लिए सूत्र भी मिलते हैं। जिनका ध्यान रखने पर हम परेशानियों से और पाप कर्मों से बच सकते हैं। इस पुराण में आकाश, समुद्र, सूर्य, पर्वत, देवता आदि की उत्पत्ति, मन्वन्तर, कल्प, धर्म और देवर्षि आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है। विष्णु पुराण में मुख्य रूप से श्रीकृष्ण के चरित्र का भी वर्णन किया है। साथ ही, श्रीराम कथा का उल्लेख इसमें मिलता है।