सार

धर्म ग्रंथो में कहा गया है कि देवी-देवताओं को भी रक्षासूत्र अर्पित करने से उनकी कृपा हम पर बनी रहती है।

उज्जैन. हमारे धर्म ग्रंथों में देवी-देवताओं को भी रक्षासूत्र अर्पित करने का विधान है। ऐसा करने से उनकी कृपा हम पर बनी रहती है। बहुत-सी महिलाएं रक्षाबंधन पर हनुमानजी को राखी अर्पित करती हैं, क्योंकि सावन शिव भक्ति का महीना है और हनुमानजी भगवान शिव के ही अवतार हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, ऐसा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और परेशानियों का अंत होता है। जानिए रक्षाबंधन पर हनुमानजी को कैसे रक्षासूत्र अर्पित करें-

  • रक्षाबंधन की सुबह स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी के किसी मंदिर में जाएं और सिंदूर, लाल गंध या चंदन, लाल फूल, व चावल अर्पित करें।
  • इसके बाद ये मंत्र बोलें- 

          अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम
          सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियंभक्त वातजातमनमामि।।

  • मंत्र बोलने के बाद हनुमानजी को रक्षासूत्र अर्पित करें। इसके बाद मौसमी फलों का भोग लगाएं और गाय के घी का दीपक भी जलाएं।
  • अगर समय हो तो मंदिर में ही बैठकर हनुमान चालीसा, बजरंगबाण या हनुमान अष्टक का पाठ मन ही मन में करें।
  • इस तरह हनुमानजी को रक्षासूत्र अर्पित करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है और परेशानियों का अंत भी हो जाएगा।