सार
हमारे सौरमंडल में समय-समय पर खगोलीय घटनाएं होती रहती हैं। सूर्य (Surya grahan 2022) व चंद्रग्रहण भी इनमें से एक है। इन घटनाओं को धर्म और ज्योतिष से जोड़कर भी देखा जाता है। इस बार साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल, शनिवार को होने जा रहा है।
उज्जैन. 30 अप्रैल को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका कोई धार्मिक और ज्योतिषिय महत्व नहीं माना जाएगा। लेकिन जिन देशों में ग्रहण दिखाई देगा, वहां के लोगों पर इसका प्रभाव जरूर होगा। ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हिंदू धर्म में प्रचलित हैं। ऐसी ही एक मान्यता ये भी है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए, नहीं तो इसका अशुभ प्रभाव होने वाली संतान पर भी हो सकता है। इस मान्यता के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्य भी छिपे हैं। आगे जानिए इन तथ्यों के बारे में…
इसलिए गर्भवती महिला को नहीं देखना चाहिए ग्रहण
हिंदू धर्म के अनुसार, सूर्यग्रहण के खगोलीय घटना है। जब ग्रहण होता है तो इस दौरान बहुत सारी ऐसी तरंगे निकलती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। वैसे तो ये तरंगे सभी को प्रभावित करती हैं, लेकिन गर्भस्थ शिशु पर इसका सबसे ज्यादा निगेटिव असर होता है। वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहते हैं कि ग्रहण के दौरान ब्रह्मांड में निगेटिव एनर्जी का स्तर एकदम बढ़ जाता है, इसका सबसे ज्यादा असर प्रेग्रनेंट लेडी पर होता है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने की
मनाही होती है।
मंत्र जाप कर सकती हैं गर्भवती महिलाएं
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर उचित स्थान पर बैठकर मंत्र जाप करना चाहिए, इससे उन्हें पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। इसका सकारात्मक असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी होता है। अगर कोई मंत्र याद न हो तो सिर्फ ऊं का जाप भी कर सकते हैं। ऐसा करने से पूरे घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बना रहता है। ऊं का जाप करने से महिला का दिमाग केवल वो ही स्वर सुनता है, जो कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अच्छा होता है।
गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें भी
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं के ग्रहण काल के दौरान तेज धार वाली चीजों जैसे- चाकू, कैंची आदि का उपयोगभी नहीं करना चाहिए। इससे भी गर्भ में पल रहे शिशु पर निगेटिव असर होता है।
2. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान हानिकारण विषाणुओं की संख्या बढ़ जाती है, इसलिए इस दौरान कुछ भी खाना नहीं चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अन्य लोगों के मुकाबले अधिक भूख लगती है, इसलिए ग्रहण के पहले ही उन्हें पर्याप्त भोजन कर लेना चाहिए, ताकि ग्रहण के दौरान भूख न लगे।
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