सार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करता है। इनमें सबसे तेज गति चंद्रमा की होती है जो हर सवा दो दिन में राशि बदलता है तो सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह शनि है, जो ढाई साल में एक बार राशि बदलता है।
उज्जैन. इस बार शनि ग्रह 29 अप्रैल को राशि बदलकर (shani gochar 2022) मकर से कुंभ में प्रवेश करने वाले हैं। मकर की ही तरह कुंभ भी शनि के स्वामित्व की ही राशि है। इसलिए ऐसा कह सकते हैं कि शनि अपने एक घर में से निकलकर दूसरे घर में प्रवेश कर रहा है। शनि के राशि बदलते ही मीन राशि पर साढ़ेसाती (Shani ki Sadesati) का प्रथम चरण शुरू हो जाएगा, वहीं कर्क और वृश्चिक पर ढय्या (Shani ki Dhaiya) का असर दिखने लगेगा। इन तीनों राशियों पर शनि की नजर पड़ने से इनके बुरे दिन शुरू हो सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, शनि के बिगड़ते ही कुछ अशुभ संकेत मिलने लगते हैं। आगे जानिए इन संकेतों के बारे में…
हो सकती है घटना-दुर्घटना
किसी भी राशि पर जैसे ही शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का असर शुरू होता है तो कोई घटना-दुर्घटना होने के योग बनते हैं। ऐसी दुर्घटनाओं में पैर में चोट लगने की संभावना अधिक रहती है। क्योंकि साढ़ेसाती का प्रथम चरण पैरों से ही शुरू होता है। बड़ी दुर्घटना होने फ्रेक्चर आदि भी हो सकता है।
बिजनेस में हो सकता है नुकसान
शनि की साढ़ेसाती शुरू होते ही बिजनेस में कोई बड़ा नुकसान हो सकता है, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होता है। अगर आपका मशीनों से जुड़ा कोई काम है तो मशीने खराब हो सकती है, जिसकी वजह से आपको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऑफिस में बॉस से किसी बात पर कहासुनी हो सकती है।
बढ़ सकता है काम का बोझ
अगर आप कहीं नौकरी करते हैं तो साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होते ही काम का बोझ अचानक बढ़ सकता है। न चाहते हुए भी आपको कुछ काम करने पड़ सकते हैं। बढ़े हुए काम की वजह से आप तनाव में आ सकते हैं। कई बार ये तनाव डिप्रेशन में बदल जाता है।
परिवार में हो सकते हैं विवाद
शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के प्रभाव से परिवार में छोटी-छोटी बातों पर वाद-विवाद होने लगते हैं। कभी-कभी ये विवाद बड़ा रूप ले लेते हैं जिसकी वजह से घर की सुख-शांति खराब हो जाती है। इस समय अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है, लेकिन ऐसा होता नहीं है।
ये भी पढ़ें-
Akshaya Tritiya 2022: इस बार शोभन योग में मनेगा अक्षय तृतीया पर्व, 50 साल बाद बनेगा ग्रहों का अद्भुत संयोग
वैशाख मास में शिवलिंग के ऊपर क्यों बांधते हैं ये खास मटकी? जानिए क्या है ये परंपरा और इसका महत्व
Vaishakh month 2022: वैशाख मास में न कर पाएं तीर्थ स्नान तो करें ये उपाय, इन बातों का भी रखें ध्यान