सार
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 1 जून, सोमवार को है।
उज्जैन. गंगा दशहरे के इस संबंध में मान्यता है कि प्राचीन समय में इसी तिथि पर राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार स्कंद पुराण में गंगा दशहरा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने के बाद दान करने की परंपरा है।
जानिए गंगा दशहरे पर क्या करें-क्या नहीं…
- गुरुवार की सुबह जल्दी उठें और नहाते समय गंगा नदी का ध्यान करें। अगर आप चाहें तो स्नान मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
- इस मंत्र का जाप करते हुए नहाने से तीर्थ स्नान का पुण्य मिलता है।
- सुबह स्नान के बाद किसी गरीब व्यक्ति को पानी से भरा हुआ घड़ा या कलश का दान करना चाहिए।
- इन दिन मौसमी फल जैसे केला, नारियल, अनार, आम, हाथ का पंखा, छाता खरबूजा, तरबूज आदि का दान करना चाहिए। इन चीजों के दान से अक्षय पुण्य मिलता है।
- गंगा दशहरा का व्रत करने से देवी गंगा के साथ ही, सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
- इस दिन भाग्वान विष्णु की भी विशेष पूजा करनी चाहिए।
- अगर आप इस दिन व्रत करना चाहते हैं तो निर्जल रहें यानी पानी नहीं पीना चाहिए। दिनभर भगवान का ध्यान करें। अधार्मिक कामों से दूर रहें।