सार
आज (11 मार्च, गुरुवार) महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में आयोजित कुंभ का पहला शाही स्नान होगा। इसमें लाखों की संख्या में साधु-संत शामिल होंगे। ये सभी साधु-संत किसी-न-किसी अखाड़े से जुड़े होते हैं।
उज्जैन. मुख्य तौर पर 13 अखाड़े मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 7 शैव, 3 वैष्णव व 3 उदासीन अखाड़े हैं। ऊपर से देखने पर ये अखाड़े एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनकी परंपरा, पूजा पद्धति आदि में कुछ न कुछ भिन्न जरूर है। इन अखाड़ों की भी अपनी विशेषता है। किसी में स्त्रियों का प्रवेश वर्जित है तो किसी अखाड़े में किसी भी तरह के नशे पर पूरा प्रतिबंध है। आज हम आपको बता रहे हैं इन अखाड़ों से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं-
1. जूना अखाड़ा
मान्यता के अनुसार, यह सबसे पुराना अखाड़ा है। इसीलिए इसे जूना (पुराना) नाम दिया गया है। वर्तमान में सबसे ज्यादा महामंडलेश्वर इसी अखाड़े के हैं।
2. अटल अखाड़ा
इस अखाड़े में सिर्फ ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य को दीक्षा दी जाती है। अन्य वर्गों को इस अखाड़े में शामिल नहीं किया जाता।
3. आवाहन अखाड़ा
अन्य अखाड़ो में महिला साध्वियों को भी दीक्षा दी जाती है, लेकिन आवाहन में महिला साध्वियों की कोई परंपरा नहीं है।
4. निरंजनी अखाड़ा
इस अखाड़े में लगभग 50 महामंडलेश्वर हैं। सबसे ज्यादा उच्च शिक्षित महामंडलेश्वर इसी अखाड़े में है।
5. अग्नि अखाड़ा
इस अखाड़े में सिर्फ ब्राह्मणों को ही दीक्षा दी जाती है। ब्राह्मण के साथ उनका ब्रह्मचारी होना भी जरूरी है।
6. महानिर्वाणी अखाड़ा
उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा का जिम्मा इसी अखाड़े के पास है। यह परंपरा अनेक वर्षों से चली आ रही है।
7. आनंद अखाड़ा
इस शैव अखाड़े में आज तक एक भी महामंडलेश्वर नहीं बनाया गया है। इस अखाड़े में आचार्य ही प्रमुख पद होता है।
8. दिगंबर अणि अखाड़ा
इस अखाड़े में सबसे ज्यादा खालसा हैं। वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों में इसे राजा कहा जाता है।
9. निर्मोही अणि अखाड़ा
वैष्णव संप्रदाय के तीनों अणि अखाड़ो में से इसी में सबसे ज्यादा अखाड़े शामिल हैं। इनकी संख्या 9 है।
10. निर्वाणी अणि अखाड़ा
इस अखाड़े के कई संत प्रोफेशनल पहलवान रह चुके हैं। कुश्ती इस अखाड़े के जीवन का एक हिस्सा है। इस अखाड़े के लगभग संत पहलवानी करते हैं।
11. बड़ा उदासीन अखाड़ा
इस अखाड़े का उद्देश्य सेवा करना है। इस अखाड़े में 4 महंत होते हैं, जो कभी रिटायर नहीं होते।
12. नया उदासीन अखाड़ा
इस अखाड़े में उन्हीं को नागा बनाया जाता है, जिनकी दाड़ी-मूंछ न निकली हो यानी जिनकी उम्र 8 से 12 साल के बीच हो।
13. निर्मल अखाड़ा
इस अखाड़े में धुम्रपान पर पूरी तरह से पाबंदी है। इस अखाड़े के सभी केंद्रों के गेट पर इसकी सूचना लिखी होती है।
कुंभ के बारे में ये भी पढ़ें
हरिद्वार कुंभ: रहस्यमयी होता है नागा साधुओं का जीवन, इन्हें किन नियमों का पालन करना पड़ता है, जानिए
हरिद्वार कुंभ: ये हैं प्रमुख 13 अखाड़े, इनमें से 7 शैवों के, 3 वैष्णवों के और 3 सिक्खों के हैं
हजारों अश्वमेध यज्ञ से भी ज्यादा है कुंभ में स्नान का महत्व, जानिए इतिहास व अन्य रोचक बातें