सार

28 मार्च, रविवार को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा है। इसे वसंत पूर्णिमा भी कहा जाता है। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं ऋतुओं में वसंत हूं। इसलिए इस पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने की परंपरा है।

उज्जैन. फाल्गुन पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण से निमित्त व्रत भी किया जाता है। विष्णुधार्मोत्तर पुराण के मुताबिक फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर व्रत करने से पाप खत्म होते हैं और उम्र भी बढ़ती है।

मन का कारक है चंद्रमा 

फाल्गुन पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ आसमान में उदित रहता है। श्रीकृष्ण पूजा में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे दूध, पानी, पंचामृत और मक्खन पर चंद्रमा का खास असर रहता है। चंद्रमा मन का कारक होता है। इस कारण इन चीजों से भगवान कृष्ण की विशेष पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। श्रीमद्भागवत में कहा गया है कि भगवान कृष्ण की पूजा से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। जिससे इंसान नीरोगी रहते हुए लंबी उम्र जीता है।

इस विधि से करें श्रीकृष्ण पूजा 

- सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहा लें। इसके बाद श्रीकृष्ण पूजा और दिनभर व्रत रखने का संकल्प लें। 
- फिर घर या मंदिर में जाकर शुद्ध पानी से भगवान की मूर्ति पर जल चढ़ाएं। फिर ताजा दूध, इसके बाद पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। 
- ऐसा करते हुए क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करना चाहिए। अभिषेक के बाद में कृष्ण भगवान को चंदन, अक्षत, मौली, अबीर, गुलाल, इत्र, तुलसी और जनेऊ के साथ ही सभी पूजन सामग्री चढ़ाएं। 
- इसके बाद पीला वस्त्र पहनाएं और मक्खन में मिश्री मिलाकर भगवान को भोग लगाएं। फिर आरती करें और श्रद्धा अनुसार जरूरतमंद लोगों को दान दें।