युद्ध से पहले ही हो चुकी थी 4 पांडवों की मृत्यु, युधिष्ठिर ने कैसे किया उन्हें पुनर्जीवित?

महाभारत युद्ध पांडवों ने जीता था और इस जीत में भीम और अर्जुन की भूमिका महत्वपूर्ण थी। अर्जुन ने भीष्म आदि सभी महारथियों को हराया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 7, 2020 4:25 AM IST

उज्जैन. भीम ने दुर्योधन और उसके सभी भाइयों को मार दिया था। ये बात तो अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि युद्ध से कुछ समय पहले ही भीम और अर्जुन के साथ नकुल, सहदेव भी मर चुके थे। इन चारों भाइयों को पुर्नजीवित करवाया था युधिष्ठिर ने। महाभारत के रोचक प्रसंग में जानिए चारों पांडवों की मृत्यु कैसे होई और युधिष्ठिर ने किस प्रकार उन्हें पुर्नजीवित किया-

ये है पूरा प्रसंग
- जब पांडव वनवास भोग रहे थे, तब एक दिन पांचों पांडव वन में घूमते-घूमते थक गए थे, सभी को प्यास भी लगी थी। तब युधिष्ठिर ने नकुल को पानी लेकर आने के लिए कहा। नकुल ने जल्दी ही एक तालाब खोज लिया।
- नकुल भी प्यास के कारण बेहाल था, इसलिए तालाब पर पहुंचते ही पानी पीने लगा। तभी आकाशवाणी हुई कि पानी पीने से पहले तुम्हें मेरे सवालों के जवाब देना होंगे। नकुल ने उस पर ध्यान नहीं दिया और पानी पी लिया। पानी पीते ही नकुल की मृत्यु हो गई।
- बहुत देर तक जब नकुल नहीं पहुंचा तो युधिष्ठिर ने सहदेव को नकुल और पानी की खोज में भेजा। सहदेव भी उसी सरोवर पर पहुंच गया। जैसे ही सहदेव पानी पीने लगा, उसे भी वही आकाशवाणी सुनाई दी।
- सहदेव ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया और पानी पीते ही उसकी भी मृत्यु हो गई। इसके बाद युधिष्ठिर ने अर्जुन को और उसके बाद भीम को भेजा। दोनों की भी यहीं हाल हुआ।
- जब चारों भाई बहुत देर तक युधिष्ठिर के पास नहीं पहुंचे तो युधिष्ठिर स्वयं उन्हें खोजने के लिए निकल गए। सरोवर के पास चारों भाई मृत दिखाई दिए। चारों भाइयों की मृत्यु का रहस्य युधिष्ठिर समझ नहीं पा रहे थे।
- इस रहस्य को जानने के लिए युधिष्ठिर भी सरोवर की ओर गए। पानी पीते इससे पहले ही पुन: वही आवाज आई कि पानी पीने से पहले मेरे सवालों के जवाब दो, वरना तुम भी अपने भाइयों की तरह मारे जाओगे।
- युधिष्ठिर ने पूछा कि आप कौन हैं? तब आकाशवाणी करने वाले ने बताया कि वह एक यक्ष है और इस सरोवर पर उसी का अधिकार है। यहां से पानी लेने से पहले मेरे सवालों के जवाब देना होंगे।
- युधिष्ठिर ने यक्ष के सभी सवालों के सही जवाब दे दिए। इससे यक्ष प्रसन्न हुआ और उसने चारों मृत पांडवों को भी पुन: जीवित कर दिया। वास्तव में वह यक्ष न होकर स्वयं यमराज थे, जो पांडवों की परीक्षा ले रहे थे।
 

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