Chaturmas 2022: कब से कब तक रहेगा चातुर्मास? अच्छी सेहत के लिए इन 4 महीनों में ध्यान रखें ये 5 बातें

हिंदू धर्म में चातुर्मास (Chaturmas 2022) का विशेष महत्व है। चातुर्मास यानी चार महीने। ये चार महीने हैं सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक। चातुर्मास का आरंभ आषाढ़ शुक्ल एकादशी से होता है जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 10 जुलाई, रविवार को है।
 

Manish Meharele | Published : Jul 10, 2022 3:45 AM IST

उज्जैन. देवशयनी एकादशी से अगले 4 महीनों तक भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन महादेव संभालते हैं। धर्म ग्रंथों में इन 4 महीनों से संबंधित अनेक नियम बनाए गए हैं। इस दौरान लोगों को खान-पान से संबंधित विशेष सावधानी भी बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही इस समय धार्मिक गतिविधियां भी तेज हो जाती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो चातुर्मास के 4 महीने आत्म सयंम रखने और त्योहारों का आनंद लेने के लिए बनाए गए हैं। आगे जानिए चातुर्मास से जुड़ी खास बातें…  

कब से कब तक रहेगा चातुर्मास?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार चातुर्मास का आरंभ 10 जुलाई, रविवार से हो रहा है जो 4 नवंबर तक रहेगा। 4 नवंबर को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। इसे देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। प्रबोधन का अर्थ है जागना यानी इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं और सृष्टि का संचालन पुन: अपने हाथ में ले लेते हैं। इस दिन घर-घर में भगवान विष्णु के जागने का उत्सव मनाया जाता है।

चातुर्मास में न खाएं ये चीजें…
1.
चातुर्मास के दौरान बहुत-सी चीजें खाने पर पाबंदी रहती है, इनमें हरी सब्जियां, बैंगन आदि प्रमुख हैं। इनके अलावा चातुर्मास में लहसुन-प्याज, मांसाहार, शराब आदि नशीली चीजें आदि से भी बचकर रहना चाहिए। ये सभी चीजें मन में विकार उत्पन्न करती हैं यानी इनसे मन में बुरे विचार आते हैं।
2. धर्म ग्रंथों के अनुसार, चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दौरान भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और किसी भी मांगलिक कार्य के लिए उनका जागना अनिवार्य है। इसलिए भूलकर भी चातुर्मास में शुभ कार्य न करें।
3. चातुर्मास के दौरान पानी भी उबालकर पीना चाहिए क्योंकि बारिश के नाम नमी ज्यादा होने से विषाणु बहुत तेजी से फैलते हैं और ये पीने के पानी को भी दूषित कर देते हैं। इसलिए इस दौरान लोग पेट से जुड़ी बीमारियों से परेशान रहते हैं। इसलिए धर्म ग्रंथों में चातुर्मास के दौरान पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।
4. चातुर्मास मास का पहला माह सावन आता है। इस महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए। भादौ में दही खाने से बचना चाहिए। अश्विन में दूध से परहेज बताया गया है और कार्तिक में दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। 
5. चातुर्मास के दौरान रोज सुबह उठकर योग और प्राणायम आदि करें। संभव हो तो सुबह सूर्योदय के पहले नदी स्नान करने जाएं। इससे सेहत ठीक रहेगी।


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