Christmas 2021: क्रिसमस पर घर और चर्च को घंटियों से क्यों सजाते हैं, यीशु के सामने मोमबत्ती क्यों जलाते हैं?

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस (Christmas 2021) मनाया जाता है। ईसाई धर्म के अनुसार ये फेस्टिवल प्रभु यीशु के जन्म के सेलिब्रेशन के रूप में मनाते हैं। क्रिसमस से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं भी हैं। क्रिसमस के मौके पर घर-ऑफिस और हर जगह को सजाया जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2021 8:06 AM IST

उज्जैन. क्रिसमस ट्री (christmas tree) लगाते हैं। इस ट्री को घंटियों, चॉकलेट, लाइट्स और गुब्बारों से सजाया जाता है। साथ इस दिन चर्च में मोमबत्तियां लगाई जाती है। रात में सामूहिक प्रार्थना की जाती है। इसके साथ ही केक और गिफ्ट बांटने की भी परंपरा है। इन सब के बिना ये पर्व अधूरा है। क्रिसमस की इन परंपराओं से जुड़ी मान्यताएं बताती है कि ये पर्व शांति, प्रेम और एकता का संदेश देता है। आगे जानिए क्रिसमस से जुड़ी इन परंपराओं के पीछे छिपा लाइफ मैनेजमेंट…

1. घंटियों से सकारात्मक ऊर्जा
परंपरा: क्रिसमस पर घर को घंटियों से सजाया जाता है और ईसा मसीह के जन्मदिन पर उनके प्रकट होने के समय उल्लास से घंटियां बजाकर खुशियां मनाई जाती हैं।
मान्यता: घर को घंटियों से सजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। घंटियों की आवाज से उमंग पैदा होती है, जो मन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है।

2. केक से तनाव होता है दूर
परंपरा: ईसा मसीह के जन्मदिन पर खुशियां बांटने के लिए केक खाया जाता है और लोगों को बांटा जाता है। ये एक खास तरह का केक होता है जिसे प्लम केक कहा जाता है।
मान्यता: मिठाई के रूप में केक खाने से तनाव और अवसाद खत्म होता है और आनंद मिलता है।

3. मोमबत्तियां लाती हैं खुशियां
परंपरा: क्रिसमस पर ईसा मसीह के सामने मोमबत्तियां जलाकर लोग उनसे जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं।
मान्यता: ईसा मसीह के सामने अलग-अलग रंगों की मोमबत्तियां जलाने से जीवन में खुशियां और सफलता आती हैं।

4. दान का प्रकार है उपहार
परंपरा: क्रिसमस पर लोगों को उपहार और जरूरतमंद लोगों को कपड़े, मिठाइयां और खाने की चीजें बांटी जाती है।
मान्यता: उपहार एक तरह का दान है। जिससे खुशी मिलती है। जरूरतमंद लोगों को उपहार देने से तमाम समस्याएं दूर हो जाती है।

5. मिलकर रहने का संदेश
परंपरा: क्रिसमस पर आधी रात के समय ईसा मसीही के सामने मिलकर सामूहिक प्रार्थना की जाती है।
मान्यता: प्रार्थना से ईश्वर के करीब होने का एहसास होता है। सामूहिक प्रार्थना साथ मिलकर रहने का संदेश देती है। सामूहिक रूप से करने पर ये ज्यादा प्रभावशाली होती है।
 

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