Lalbaugcha raja: 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत 31 अगस्त, बुधवार से हो चुकी है। इस 10 दिनों में हर गणेश मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। हर कोई अपने प्रिय भगवान श्रीगणेश के दर्शन के लिए लालायित रहेगा।
उज्जैन. वैसे तो गणेश उत्सव (Ganesh Chaturthi 2022) पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इसकी रौनक देखते ही बनती है। लालबाग का राजा (Lalbaugcha raja) मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है। देश ही नहीं विदेश से भक्त यहां बाप्पा के दर्शनों के लिए आते हैं। आम लोगों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटी भी यहां शीश झुकाने आते हैं।
ये है लाल बाग के राजा का इतिहास (History the Raja of Lal Bagh )
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लाल बाग के राजा सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में चिंचपोकली में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं। मंडल का गठन उस युग में हुआ जब देश में स्वतंत्रता संघर्ष अपने पूरे चरम पर था। इस पांडाल की भव्यता देखकर उस समय भी सभी की नजरें लालबाग के राजा पर ही होती थी। देश आजाद होने के बाद इसकी भव्यता और भी बढ़ती गई। धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि पूरे देश में फैल गई।
इन्हें कहते हैं मन्नतों का गणेश
मान्यता है कि लाल बाग के राजा से जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वो जरूर पूरी होती है। इसलिए इन्हें मन्नतों का गणेश भी कहते हैं। यहीं कारण है कि गणेश उत्सव के दौरान भक्त यहां कई घंटों तक दर्शन के लिए लंबी कतारों में लगे रहे हैं। दर्शन की ये कतारें कई किलोमीटर लंबी होती हैं। लेकिन इसके बाद भी भक्तों का विश्वास कम नहीं होता।
सामाजिक कामों में भी आगे
लालबागचा मंडल सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक कामों में आगे है। ये मंडल चैरिटी के माध्यम से अनेक लोगों की मदद भी करता है। इस मंडल के अपने कई अस्पताल और एबुलेंस हैं जहां गरीब लोगों का उपचार मुफ्त किया जाता है। इसके अलावा देश में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो लालबागचा मंडल खुले दिल से आर्थिक सहायता भी कहता है। यही कारण है कि लोग भी यहां खुले हाथों से दान करते हैं।
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