Janmashtami: युद्ध की हर कला में पारंगत थे श्रीकृष्ण, कहा जाता है दुनिया के पहले मार्शल आर्ट का जनक

Published : Aug 28, 2021, 12:30 AM IST
Janmashtami: युद्ध की हर कला में पारंगत थे श्रीकृष्ण, कहा जाता है दुनिया के पहले मार्शल आर्ट का जनक

सार

भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु का पूर्ण अवतार कहा जाता है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि वे 16 कलाओं से युक्त थे। जन्माष्टमी (Janmashtami) के अवसर पर हम आपको श्रीकृष्ण के योद्धा रूप से परिचित करवा रहे है

उज्जैन. 30 अगस्त, सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) है। इस दिन भगवान कान्हा का जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धाम से पूरे देश में मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में कई युद्ध किए और सभी में विजय प्राप्त की। वे युद्ध की हर कला में निपुर्ण थे। लेकिन फिर भी उन्हें योद्धा के रूप में कम और रणनीतिकार, प्रेमी, मित्र आदि रूपों में अधिक देखा जाता है। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन काल में कई महत्वपूर्ण युद्ध किए, जिनमें कालयवन, जरासंध, नरकासुर, बाणासुर आदि के साथ उनके युद्ध की कथाएं प्रचलित हैं। कुरुक्षेत्र में हुए युद्ध में भी उन्होंने भले ही शस्त्र नहीं उठाएं हों, लेकिन पांडवों की विजय के मुख्य कारण श्रीकृष्ण ही थे। 

1. भगवान् श्रीकृष्ण के खड्ग का नाम नंदक, गदा का नाम कौमुदकी और शंख का नाम पांचजन्य था जो गुलाबी रंग का था।
2. भगवान श्री कृष्ण के धनुष का नाम सारंग व मुख्य शस्त्र सुदर्शन चक्र था। वह लौकिक, दिव्यास्त्र व देवास्त्र तीनों रूपों में कार्य कर सकता था। उसकी बराबरी के विध्वंसक केवल दो अस्त्र और थे पाशुपतास्त्र और प्रस्वपास्त्र।
3. दक्षिण भारत का मार्शल आर्ट कहे जाने वाले कलरीपायट्‌टू युद्ध कला का जनक भी श्रीकृष्ण को ही माना जाता है। मान्यता है कि भगवान् श्री कृष्ण ने कलरीपायट्‌टू की नींव रखी जो बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुई।
4. भगवान श्रीकृष्ण के रथ का नाम जैत्र था और उनके सारथी का नाम दारुक/बाहुक था। उनके घोड़ों (अश्वों) के नाम थे शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प और बलाहक।
5. भगवान् श्रीकृष्ण ने केवल 16 वर्ष की आयु में विश्वप्रसिद्ध चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया।
6. भगवान श्रीकृष्ण रथ चलाने में भी माहिर थे। उस समय दो ही योद्धा ऐसे थे जो महान रथचालक थे। श्रीकृष्ण के अलावा पांडवों के मामा मद्रदेश के राजा शल्य ही इस कार्य में निपुर्ण थे।
7. श्रीकृष्ण महान रणनीतिकार भी थे। कुरुक्षेत्र के युद्ध में जब भी कौरव पांडवों को हराने की कोई योजना बनाते तो श्रीकृष्ण ही उससे बचने की युक्ति निकालते थे।
8. जरासंध के साथ श्रीकृष्ण के कई युद्ध हुए। हर बार श्रीकृष्ण जरासंध को जीवित ही छोड़ देते थे ताकि वो अगली बार और बड़ी सेना लेकर आए और धरती से पापियों का नाश होता रहे।

जन्माष्टमी के बारे में ये भी पढ़ें

30 अगस्त को Janmashtami पर करें राशि अनुसार ये आसान उपाय, आपकी हर इच्छा हो सकती है पूरी

Janmashtami पर इस मंदिर में देते हैं भगवान को 21 तोपों की सलामी, औरंगजेब ने भी माना था यहां का चमत्कार

भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है मोरपंख, इसके उपायों से दूर हो सकता है वास्तु दोष व अन्य परेशानियां

Janmashtami: उडूपी के इस मंदिर में खिड़की से होते हैं श्रीकृष्ण प्रतिमा के दर्शन, बहुत अलग है यहां की परंपरा

30 अगस्त को Janmashtami पर करें इन मंत्रों का जाप, हर इच्छा पूरी कर सकते हैं भगवान श्रीकृष्ण

PREV

Recommended Stories

Unique Temple: इस त्रिशूल में छिपे हैं अनेक रहस्य, इसके आगे वैज्ञानिक भी फेल, जानें कहां है ये?
Purnima Dates: साल 2026 में 12 नहीं 13 पूर्णिमा, नोट करें डेट्स