चाणक्य नीति: अपने से शक्तिशाली शत्रु का सामना कैसे करें और किन बातों रखें ध्यान?

आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में अच्छी और बुरी दोनों परिस्थितियों का सामना किया परंतु कभी भी अपना आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2021 3:20 AM IST / Updated: Jul 29 2021, 02:20 PM IST

उज्जैन. चाणक्य ने अपने शत्रुओं पर विजय हासिल करके इतिहास की धारा को एक नया मोड़ दिया। चाणक्य नीति में बहुत ही प्रभावशाली बातों का उल्लेख किया गया है जिससे आप अपने शत्रु पर विजय हासिल कर सकते हैं। आगे जानिए इससे जुड़ी कुछ खास नीतियां… 

शक्तिशाली शत्रु का कैसे करें सामना?
जब शत्रु आपसे अधिक शक्तिशाली हो तो उस समय छिप जाना चाहिए और सही समय आने का प्रतीक्षा करनी चाहिए। उसके बाद स्वयं की शक्ति को बढ़ाने के विषय में कार्य करना चाहिए एवं अपने शुभचिंतकों को एकत्रित करने के बाद रणनीति बनानी चाहिए और शत्रु पर वार करना चाहिए। 

शत्रु की गतिविधियों पर नजर रखें नजर
चाणक्य के अनुसार शत्रु की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखकर उसकी कमजोरियों का पता लगाकर उसे परास्त किया जा सकता है, इसलिए शत्रु की गतिविधियों पर नजर रखें और समय आने पर उसे पराजित करें।

छिपे हुए शत्रु को कैसे पराजित करें?
हर सफल व्यक्ति के शत्रु अवश्य होते हैं। जिनमें से कुछ शत्रुओं के बारे में हमें पता होता है तो वहीं कुछ अज्ञात शत्रु भी होते हैं। ये शत्रु आपको सीधे नुकसान न पहुंचाकर छिपकर वार करते हैं। ऐसे शत्रु बहुत ज्यादा घातक साबित होते हैं। ऐसे शत्रुओं का पता लगाने के लिए बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। अचानक वार होने पर घबराने की बजाय शत्रु की हर चाल का डटकर मुकाबला करना चाहिए।

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