नारद पुराण से जानिए नास्तिक व चोर के अलावा और किन लोगों को नमस्ते नहीं करना चाहिए?

इस बार 9 मई, शनिवार को नारद जयंती है। देवर्षि नारद भगवान विष्णु के परम भक्त बताए गए हैं। हिंदू धर्म के 18 पुराणों में नारद पुराण का भी विशेष महत्व है। 

Asianet News Hindi | Published : May 8, 2020 6:31 PM IST

उज्जैन. नारद पुराण में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए गए हैं। नारद पुराण में कुछ ऐसे लोगों के बारे में लिखा है जो अगर सामने आ जाएं तो उनसे नमस्कार नहीं करना चाहिए, जैसे- नास्तिक और चोर। हालांकि, नारद पुराण में ये भी लिखा है कि अगर अनजाने में ऐसा हो जाए तो कोई दोष नहीं लगता। आगे जानिए किन लोगों को क्यों नमस्कार नहीं करना चाहिए...

1. जिस व्यक्ति को कोर्ट ने चोर घोषित कर दिया हो और जो लोगों को धोखा देता हो, ऐसे लोगों को नमस्कार नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों को समाज में उचित स्थान नहीं मिलता। उनसे नमस्कार करने से उनकी खराब छबि का असर आप पर भी पड़ सकता है।
2. पागल, दौड़ता हुआ, मंत्र जाप करता हुआ और जो व्यक्ति अपवित्र अवस्था में हो, उसे भी नमस्कार न करें। क्योंकि पागल व्यक्ति को आपके अभिवादन से कोई मतलब नहीं होता। दौड़ता हुआ और मंत्र जाप करता व्यक्ति अपने काम में लगा होता है। और यदि कोई व्यक्ति अपवित्र अवस्था में है तो आपके नमस्कार के कारण उसे असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
3. नारद पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सोया हो, उन्हें भी नमस्कार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस अवस्था में लोग आपके नमस्ते का जवाब नहीं दे सकते।
4. श्राद्ध, व्रत, दान, पूजा, यज्ञ और तर्पण करते हुए व्यक्ति को भी नमस्ते नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये सभी काम पूजा का ही अंग हैं। इस अवस्था में इन्हें नमस्कार करे से उनका ध्यान भटक सकता है। इसलिए जो व्यक्ति ये काम करते हैं, उन्हें नमस्ते नहीं करना चाहिए।

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