दिवाली में देवी लक्ष्मी के साथ श्रीगणेश और देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है, क्या है इस परंपरा की वजह

दिवाली की पूजा में मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही श्रीगणेश और देवी सरस्वती की। अधिकांश तस्वीरों में देवी लक्ष्मी के साथ भगवान श्रीगणेश और देवी सरस्वती भी दिखाई देती हैं। इसके पीछे लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कई खास सूत्र छिपे हैं ।

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 3:56 AM IST

उज्जैन. दिवाली की पूजा में मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही श्रीगणेश और देवी सरस्वती की। अधिकांश तस्वीरों में देवी लक्ष्मी के साथ भगवान श्रीगणेश और देवी सरस्वती भी दिखाई देती हैं। इसके पीछे लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कई खास सूत्र छिपे हैं, जो इस प्रकार हैं...

इसलिए करते हैं देवी लक्ष्मी के साथ गणपति और सरस्वती की पूजा
- लक्ष्मी धन की देवी हैं, सरस्वती ज्ञान की तथा गणपति बुद्धि के देवता हैं। इससे अभिप्राय है कि हमें ऐसा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए, जिससे हमारी बुद्धि निर्मल हो, साथ ही धन कमाने के काम भी आए।
- धन आएगा तो उसे संभालने का ज्ञान भी हमारे पास होना चाहिए और बुद्धि के उपयोग से उसे निवेश करना भी हमें आना चाहिए। इससे लक्ष्मी का स्थायी निवास हमारे घर में होगा।
- देवी सरस्वती का स्थान लक्ष्मी की दांई ओर तथा गणपति का बांई ओर होता है। इसके अभिप्राय है कि मनुष्य का दांई ओर का मस्तिष्क ज्ञान के लिए होता है।
- उस ओर हमारा ज्ञान एकत्र होता है और बांई ओर का मस्तिष्क रचनात्मक होता है। गणपति बुद्धि के देवता है, हमारी बुद्धि रचनात्मक होनी चाहिए।
- यही कारण है कि देवी लक्ष्मी के साथ श्रीगणेश और सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

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