पंचांग भेद के कारण 2 दिन किया जाएगा मोहिनी एकादशी का व्रत, ये है विधि और उपाय

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोह जाल तथा पापों से छुटकारा पा जाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2021 5:05 AM IST

उज्जैन. इस बार यह एकादशी 22 मई, शनिवार को है। पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 23 मई, रविवार को भी ये व्रत किया जाएगा।

ये है व्रत विधि
- जो व्यक्ति मोहिनी एकादशी का व्रत करे, उसे एक दिन पहले अर्थात दशमी तिथि की रात से ही व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
- व्रत के दिन एकादशी तिथि में व्रती को सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
- संभव हो तो किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें और यदि यह संभव न हों तो घर में ही जल से स्नान करना चाहिए।
- इस दिन भगवान श्रीविष्णु के साथ-साथ भगवान श्रीराम की पूजा भी की जाती है। व्रत का संकल्प लेने के बाद ही व्रत करें।
- संकल्प इन दोनों देवों के समक्ष लें। देवों का पूजन करने के लिए कलश स्थापना कर, उसके ऊपर लाल रंग का वस्त्र बांध कर पहले कलश का पूजन करें।
- इसके बाद इसके ऊपर भगवान की तस्वीर या प्रतिमा रखें। इसके बाद भगवान की प्रतिमा को स्नानादि से शुद्ध कर उत्तम वस्त्र पहनाएं।
- फिर धूप, दीप से आरती उतारें और मीठे फलों का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद वितरीत कर ब्राह्मणों को भोजन तथा दान दक्षिणा दें। रात्रि में भगवान का कीर्तन करें, सोएं नहीं।

मोहिनी एकादशी पर करें ये उपाय
1.
एकादशी पर केले के पेड़ की पूजा करें। उसके सामने दीपक जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इस उपाय से विवाह में आ रही समस्या दूर हो सकती है।
2. एकादशी पर भूखे लोगों को भोजन करने का विशेष पुण्य मिलता है। साथ ही इस दिन गाय को हरा चारा और मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां भी डालनी चाहिए।
3. एकादशी पर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अभिषेक गाय के दूध में केसर मिलाकर करें। इससे आपकी हर समस्या दूर हो सकती है।
 

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