रमजान: इफ्तार में मुख्य रूप से खजूर क्यों खाया जाता है, क्या है इसका साइंटिफिक कनेक्शन?

इन दिनों मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान चल रहा है। इस महीने में ईस्लाम धर्मावलंबी पूरे दिन भूखा रहकर रोजा रखते हैं और शाम को नमाज के बाद ही भोजन करते हैं। इसे इफ्तार कहते हैं।

उज्जैन. सेहरी में कई तरह के व्यंजन और फल आदि होते हैं। इन सभी में खजूर विशेष रूप से होता है। ऐसा माना जाता है कि खजूर पैगंबर हजरत मोहम्मद का पसंदीदा फल था। वे खजूर खाकर रोजा खोलते थे। इसलिए आज भी खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। आगे जानिए क्या है खजूर खाने का महत्व…

-  मेडिकल साइंस के अनुसार दिन भर भूखा रहने के कारण शरीर का एनर्जी का लेवल कम हो जाता है। इस स्थिति में कुछ ऐसी चीज खानी चाहिए, जिससे शरीर को तुंरत एनर्जी मिले।
- यह काम खजूर करता है। खजूर खाने से बॉडी को तुरंत एनर्जी मिलती है। इसके अलावा इफ्तार के दौरान खाई जाने वाली अन्य चीजों को डाइजेस्ट करने में भी खजूर मदद करता है।
- एक रिसर्च के अनुसार एक दिन के लिए जरूरी फाइबर्स सिर्फ खजूर खाकर बॉडी को मिल सकते हैं।
- सिर्फ फाइबर्स ही नहीं बल्कि खजूर में मौजूद बॉडी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स की वजह से ही रमजान में खजूर खाकर रोजा खोलते हैं।
- खजूर में एल्केलाइन साल्ट होता है, जिससे शुगर और ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है।
- खजूर में मौजूद विटामिन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कॉपर और आयरन बॉडी को एक्टिव रखते हैं।
- खजूर आसानी से पच जाता है और इसे खाली पेट खाने से कोई नुकसान भी नही होता। यही कारण है रोजा खोलते समय खजूर मुख्य रूप से खाया जाता है।

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