नीतीश ने लालू फैमिली पर कसा तंज, EC ने जारी की नई गाइड लाइन; किसान बिल के खिलाफ तेजस्वी की जंग

विधानसभा चुनाव के लिए इस बार चुनाव आयोग (ECI) ने सख्त नियम बनाए हैं। ये नियम अपराधियों को विधानसभा में जाने से रोकने के लिए हैं। महागठबंधन में टिकटों के बंटवारे की लड़ाई अब पटना से दिल्ली में सोनिया गांधी तक पहुंच गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 22, 2020 2:11 PM IST / Updated: Sep 22 2020, 07:42 PM IST

पटना। विधानसभा चुनाव के लिए इस बार चुनाव आयोग (ECI) ने सख्त नियम बनाए हैं। ये नियम अपराधियों को विधानसभा में जाने से रोकने के लिए हैं। आयोग ने गाइडलाइन (EC New Guideline for Bihar Polls) जारी कर दी है। स्टोरी के अंतिम हिस्से में इसकी डिटेल है। इस बीच चुनाव से पहले बिहार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होने लगा है। चुनाव में एनडीए का चेहरा और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एक बार फिर आरजेडी (RJD) चीफ लालू यादव (Lalu Yadav) की फैमिली पर तंज़ कसा है। नीतीश ने बिना नाम लिए इशारों में कहा,  "कुछ लोगों के लिए बेटा-बेटी परिवार, हमारे लिए तो पूरा बिहार ही परिवार है।" इससे पहले अपनी पहली वर्चुअल रैली में भी नीतीश ने लालू परिवार का मुद्दा उठाते हुए तेजप्रताप (Tejpratap Yadav) की पत्नी ऐश्वर्या राय का जिक्र किया था। 

लालू परिवार पर हमला करते हुए नीतीश ने आरजेडी सरकार की खामियों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, "आरजेडी को 1990 से 2005 तक मौका मिला। मगर उन्होंने कुछ नहीं किया। अब भ्रम फैला रहे हैं। कुछ लोगों के लिए (लालू यादव) बेटा-बेटी ही परिवार हैं। मेरे लिए तो पूरा बिहार ही परिवार की तरह है।" बताते चलें कि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, मगर चुनाव आयोग सितंबर के अंत तक कभी भी तारीखों का ऐलान कर सकता है। हालांकि अभी तक एनडीए और महागठबंधन के सहयोगी दलों सीटों का बंटवारा पूरी तरह नहीं हो पाया है। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का झगड़ा तो दिल्ली दरबार पहुंच चुका है। 

सोनिया के दर पहुंची लड़ाई 
महागठबंधन (Mahagathbandhan) में इस बार आरजेडी-कांग्रेस के साथ RLSP, VIP और वामपंथी पार्टियां शामिल बताई जा रही हैं। लेकिन वामपंथी पार्टियों के आने के बाद से सीटों के समझौते में पेंच फंस गया है। आरजेडी, इस बार कांग्रेस (Congress) की ओर से ज्यादा सीटों की मांग पर तैयार होती नहीं दिख रही है। टिकटों के बंटवारे की लड़ाई अब पटना से दिल्ली में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) तक पहुंच गई है। बिहार यूनिट के अध्यक्ष समेत राज्य कांग्रेस के कई दिग्गज नेता दिल्ली में ही डेरा जमाए हुए हैं। यहां संभावित उम्मीदवारों का नाम भी तय किए जा रहे हैं। सूची सोनिया को सौंपा जाएगी। सोनिया से महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर भी हस्तक्षेप करने की संभावना है। 

महागठबंधन में सीटों का पेंच जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 

 

किसान बिल का विरोध, सरकार के खिलाफ सड़क पर मोर्चा 
उधर, रविवार को राज्यसभा में पास केंद्र सरकार के किसान बिल पर बिहार में राजनीति तेज होती दिख रही है। एनडीए ने जहां उपसभापति हरिवंश सिंह (Harivansh Singh) के सामने विपक्षी सांसदों के व्यवहार को बिहार की अस्मिता से जोड़कर मुद्दा बनाने का संकेत दिया है वहीं आरजेडी किसानों के दृष्टिकोण से मुद्दे को उठाने का ऐलान कर दिया है। एनडीए सरकार से बिल वापस लेने की मांग के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 25 सितंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है। तेजस्वी (Tejaswi Yadav) ने ट्विटर पर वीडियो साझा कर बिल को किसान विरोधी बताया। उन्होंने कहा, "आरजेडी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर सरकार के फैसले का विरोध करेंगे।" 

पिता की तबियत को लेकर चिराग की चिट्ठी 

पासवान के लिए एलजेपी कार्यकर्ताओं ने किया पूजा-पाठ 
केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की तबियत खराब है। वो काफी दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। एक दिन पहले ही उनके बेटे और पार्टी चीफ चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने चिट्ठी साझा कर कार्यकर्ताओं से बिहार न पहुंच पाने की वजहों का खुलासा किया आता। रामविलास की तबियत को लेकर एलजेपी कार्यकर्ता चिंतित हैं। मुजफ्फरपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हनुमान मंदिर में पासवान के जल्द ठीक होने को लेकर पूजा अर्चना की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि भगवान उनकी जल्द सुनेंगे। और उनके नेता ठीक होकर घर लौटेंगे।

चुनाव में अपराधियों की जगह नहीं 
दागदार और अपराधी छवि वाले नेता विधानसभा न पहुंच पाए इसके लिए चुनाव आयोग ने नियम और सख्त कर दिए हैं। एक नई गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन के मुताबिक प्रत्‍याशियों को अपने मुकदमों की जानकारी जनता के सामने सार्वजनिक करना होगा। प्रत्याशियों को नामांकन पत्र में अपराध संबंधी मुकदमों का ब्योरा देना होगा। साथ ही साथ कम से कम तीन बार उन्हे यही जानकारी अखबारों में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित कर मतदाताओं को भी देनी होगी। विज्ञापन कब देना है इसका निर्धारण चुनाव आयोग करेगा। विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद अगले ही दिन अखबार की प्रति रिटर्निंग अफसर को देनी होगी। 

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