EXCLUSIVE: कौन है 'ब्रह्मास्त्र' का यह खूंखार विलेन? जानिए छोटे शहर का एक पार्षद कैसे दुनिया पर छा गया?

डबरा, मध्य प्रदेश में जन्मे और पले-बढ़े सौरव गुर्जर की 'ब्रह्मास्त्र' पहली फिल्म है। इससे पहले उन्होंने टीवी पर काम किया है। वे 'महाभारत' में भीम और 'संकमोचन महाबली हनुमान' में बाली और रावण के किरदार में नजर आ चुके हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क. डायरेक्टर अयान मुखर्जी (Ayan Mukerji) की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन : शिवा' (Brahmāstra: Part One – Shiva) बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कमाई कर रही है। फिल्म में रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की मुख्य भूमिका है, जबकि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), नागार्जुन अक्किनेनी (Nagarjun Akkineni) और मौनी रॉय (Mauni Roy) भी महत्वपूर्ण रोल में दिखाई दे रहे हैं। लेकिन इस फिल्म में एक ऐसा किरदार भी है, जो दर्शकों का खूब ध्यान खींच रहा है। यह किरदार है 'जोर' का, जो एक खूंखार विलेन है। जोर की भूमिका जिन्होंने निभाई है, वे पहले टीवी पर भीम और रावण जैसे रोल कर चुके हैं और वर्तमान में WWE के पहलवान हैं। इनका नाम है सौरव गुर्जर (Saurav Gurjar) । एशियानेट न्यूज हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में सौरव ने अपनी एक्टिंग से लेकर रेसलिंग तक की जर्नी के बारे में बताया। पढ़िए आखिर कैसे मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर का पार्षद आज दुनियाभर में छाया हुआ है...

Q. आपका पहला शो 'महाभारत' था, यह आपको कैसे मिला था?
A.
जब मुझे 'महाभारत' का ऑफर आया, तब मैं डबरा (मध्य प्रदेश) नगर पालिका में कांग्रेस पार्टी से पार्षद था। उस वक्त मेरी उम्र 22-23 साल रही होगी। फेसबुक में माध्यम से मेरे पास 'महाभारत' की कास्टिंग टीम का मैसेज आया। टीम लंबे समय से भीम के लिए एक्टर तलाश कर रहे थे, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई सूटेबल एक्टर मिल नहीं रहा था। उन्हें ऐसा एक्टर चाहिए था, जो नॉर्मल देसी पहलवान जैसा हो और असल में भीम लगे। उसकी हिंदी अच्छी हो, क्योंकि शुद्ध हिंदी बोलनी थी।  पार्षद होने की वजह से मैंने पहले इस शो के लिए मना कर दिया था। लेकिन उन्होंने मुझे कई बार फोन किए, दो महीने तक मेरा इंतजार किया। इसके बाद मैं मुंबई गया और भीम के लिए लुक टेस्ट दिया। इस तरह मुझे भीम का रोल मिल गया।

Latest Videos

Q. मुंबई में आपका कोई भी लिंक नहीं था?
A.
मेरा इस कंपनी के साथ कोई भी लिंक नहीं था। हां, मैं पहले दो-तीन बार मुंबई गया था और मैंने कुछ शोज में छोटे-छोटे रोल किए थे। लेकिन मेरा कोई कनेक्शन वहां नहीं था। यह किस्मत की ही बात है। 

Q. 'ब्रह्मास्त्र' आपकी पहली फिल्म है और आपका किरदार लोगों के बीच चर्चा का विषय है। यह रोल आप तक कैसे पहुंचा?
A.
मैं पुनीत इस्सर जी को बहुत अच्छे से जानता हूं, जिन्होंने पुराने 'महाभारत' में दुर्योधन का रोल किया था। वे सलमान खान के साथ कोई प्रोजेक्ट कर रहे थे, जिसे वे खुद डायरेक्ट करने वाले थे। इस प्रोजेक्ट के लिए पुनीत इस्सर जी ने मुझे पिच किया था कि तुम एक ऑडिशन देकर जाओ। वह ऑडिशन मैंने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा की कंपनी में दिया था। वह प्रोजेक्ट कभी बन ही नहीं पाया। लेकिन मेरी पूरी इन्फॉर्मेशन मुकेश छाबड़ा जी के पास थी। जब 'ब्रह्मास्त्र' की कास्टिंग शुरू हुई और उन्हें ज़ोर के किरदार के बारे में बताया गया तो उन्होंने अयान मुखर्जी को मेरे बारे में बताया। उन्हें मेरे पिक्चर और वीडियो पसंद आ गए।

Q. आपने कहा कि आप फिल्म नहीं करना चाहते थे, फिर ह्रदय परिवर्तन कैसे हुआ?
A.
मुझे काफी कन्विंस किया गया। कहा गया कि यह धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म है, करन जौहर की फिल्म है। बड़े-बड़े स्टार्स इसमें हैं। लेकिन मैंने स्पष्ट कह दिया कि मुझे WWE के लिए यूएसए जाना है। फिर अयान मुखर्जी ने मुझे स्पेशली फोन करके बुलवाया और कहा कि वे एक बार मुझसे मिलना चाहते हैं। अयान मुखर्जी बेहतरीन इंसान हैं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं फ़िल्में नहीं करना चाहता, क्योंकि मेरा WWE में जाना फाइनल हो चुका है। एक-दो हफ्ते में मैं इसका कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाला हूं। तब अयान ने मुझे समझाया कि यह काफी कम दिन का शेड्यूल है। उनका विश्वास और पॉजिटिव एनर्जी देखकर मैंने फिल्म के लिए हां बोल दिया।

Q. WWE के कॉन्ट्रैक्ट का क्या हुआ?
A.
जिस दिन मैंने धर्मा की यह फिल्म साइन की, उसी दिन मैंने WWE का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया था। उस वक्त मैं फिल्म को सीरियसली नहीं ले रहा था। क्योंकि WWE के सामने मेरे लिए कुछ भी मायने नहीं रखता। जिस चीज की ख्वाहिश आपको बचपन से हो और वह आपके सामने हो तो आप किसी और चीज को सीरियसली नहीं लेते। लेकिन जब मैंने शूटिंग स्टार्ट की और देखा कि अमिताभ बच्चन जी के साथ मेरे सीन हैं, शाहरुख़ खान जी के साथ सीन हैं, रणबीर कपूर के साथ, नागार्जुन के साथ सीन हैं, तब लगा कि नहीं या करो, यह तो तुम बड़ा काम कर रहे।

Q. इतने बड़े-बड़े स्टार्स के साथ शूट का अनुभव कैसा रहा?
A.
देखिए, जब आप इतने बड़े-बड़े स्टार्स के साथ काम करते हैं तो आपको सीखने को बहुत कुछ मिलता है। मैं नर्वस भी था। क्योंकि सदी के महानायक के साथ सीन शूट कर रहा था। एक्टिंग सीन शूट कर रहा था। उनसे सीखने को मिला कि आपकी उम्र मायने नहीं रखती है। काम को लेकर सीरियसनेस मैंने बच्चन साहब से सीखी। शाहरुख़ जी बेहद प्रोफेशनल इंसान हैं। नागार्जुन WWE के बहुत बड़े फैन हैं। हमारी इसे लेकर काफी बात होती थी। रणबीर कपूर मेरे काफी अच्छे दोस्त हैं। हम वर्कआउट साथ करते थे। उन्होंने भी WWE काफी देखा है। उनके साथ मेरी काफी अच्छी बॉन्डिंग थी। अनुभव बेहद शानदार रहा। मैं बेहद लकी हूं कि मुझे इतने बड़े स्टार्स के साथ काम करने का मौका मिला है। मैं हमेशा से चाहता था कि इंटरनेशनल लेवल पर जाकर अपने देश का नाम रोशन करूं।

Q. आपको रेसलिंग की प्रेरणा कैसे मिली? WWE कैसे आपका लक्ष्य बन गया?
A.
उस वक्त मैं 9-10 साल का था, जब मैंने पहली बार टीवी पर WWE को देखा था। तभी मेरे दिमाग में आ गया था कि मुझे यही करना है।14-15 साल की उम्र तक ये चीजें दिमाग में घूमती रहीं, लेकिन पता नहीं था कैसे यहां तक पहुंचा जाए। बस इतना पता था कि WWE विदेश में होता है। मैं स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने लगा।  बॉक्सिंग और किक बॉक्सिंग में हिस्सा लेने लगा, यह सोचकर कि हो सकता है कि किसी मारधाड़ वाले गेम से WWE तक पहुंचने का मौका मिल जाए। डबरा (पैतृक नगर) में रहकर कुछ हो नहीं रहा तो मुंबई पहुंच गया।

Q. WWE में जाने के आपके सपने को पूरा करने में परिवार का कितना सपोर्ट रहा?
A.
मेरे पापा ने मुझे कभी किसी काम के लिए नहीं रोका। मैंने भी कभी उनका विश्वास नहीं तोड़ा। उनकी आजादी का गलत फायदा नहीं उठाया। लेकिन मेरी मम्मी और दादाजी कभी नहीं चाहते थे कि मैं बाहर जाऊं। क्योंकि मैं घर का अकेला बेटा हूं। मम्मी अभी भी नहीं चाहतीं कि मैं रेसलिंग करूं, क्योंकि उन्हें मेरे चोटिल होने का डर बना रहता है।

Q. WWE में आपको सांगा नाम की मिला?
A.
आमतौर पर आपका रिंग नेम क्या होगा, यह कंपनी तय करती है। लेकिन इंडियन कल्चर के बारे में उन्हें ज्यादा पता नहीं है। इसलिए वे हमसे सजेशन मांगते हैं कि क्या नाम रखा जा सकता है। अपने लिए 'सांगा' नाम का सजेशन मैंने ही दिया था। यह वॉरियर राणा सांगा के नाम पर है। उनके बारे में मैंने पढ़ा था कि उनका एक हाथ कट गया, एक पैर कट गया। आधा शरीर डैमेज हो गया, उसके बाद भी वे लड़ते रहे थे। उनसे प्रेरित होकर मैंने अपना नाम सांगा रखा। मुझे ऐसा लगता है कि सांगा पर्सनैलिटी को सूट करता है। कंपनी को नाम बेहद पसंद आया, क्योंकि यहां ऐसे नाम भी रखने होते हैं कि विदेशी भी इसे सही से से बोल सकें।

Q. WWE के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है?
A.
मैं पूरी तरह शाकाहारी हूं। मैं अंडे तक नहीं खाता। शुरुआत में मुझे अमेरिका में इस वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। क्योंकि यहां शाकाहार के नाम पर सिर्फ सलाद मिलता है। ट्रेनिंग की बात करें तो जब मैं यहां आया तो दिन के सात-आठ घंटे ट्रेनिंग करनी होती थी, जिनमें रिंग और जिम ट्रेनिंग शामिल होती थी। 140 किलो तक वजन उठाया। बजरंग बली का नाम लेते रहे और मेहनत करते रहे तो आज चीजें काफी स्मूद हो गई हैं। हालांकि, आज भी 5-6 घंटे ट्रेनिंग करनी होती है।

Q. आगे की क्या प्लानिंग है?
A.
इस फिल्म के बाद से मेरे पास कई अच्छे ऑफर्स आ रहे हैं। लेकिन मेरा पूरा फोकस अभी रेसलिंग के ऊपर है। मैं चाहता हूं कि जल्दी से जल्दी मैं अपने देश के लिए एक टाइटल जीतूं। जब तक टाइटल नहीं जीतता, तब तक मैं शांत नहीं बैठूंगा। लेकिन मैं इंडस्ट्री में भी काम करना चाहता हूं। बशर्ते WWE मुझे सपोर्ट करे और वे समझते हैं। हो सकता है कि वे परमिशन देते रहें और हर साल एक फिल्म देता रहूं।

और पढ़ें...

एक्ट्रेस ने दिया मरे हुए बच्चे को जन्म, रात भर दर्द से तड़पती रही, लेकिन डॉक्टर्स ने एक ना सुनी

100 से 310cr. तक के बजट में बनी सुपरस्टार्स की वो 31 फ़िल्म जो लागत निकालने के लिए करती रहीं दुआ

सनी देओल ने ना फिल्म की, ना ही साइनिंग अमाउंट लौटाया, प्रोड्यूसर ने किया चौंकाने वाला खुलासा

सलमान खान को लड़की ने मारा था थप्पड़, ये 7 सेलेब्स भी पिटे, दो की पब्लिकली जमकर हुई थी पिटाई

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
UP By Election Exit Poll: उपचुनाव में कितनी सीटें जीत रहे अखिलेश यादव, कहां चला योगी का मैजिक
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC