भारत के साथ मुक्त व्यापार को आस्ट्रेलियाई संसद ने दी मंजूरी, अकेले IT फर्म्स का हर साल 200 बिलियन डॉलर बचेगा

आस्ट्रेलिया और भारत ने बीते 2 अप्रैल को द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते से ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित 6,000 से अधिक व्यापक क्षेत्रों के भारतीय निर्यातकों को ड्यूटी फ्री व्यापार करने का अवसर मिलेगा।

Dheerendra Gopal | Published : Nov 22, 2022 5:42 PM IST

Free trade in Australia: आस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी गई है। दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से मुक्त व्यापार समझौते पर एमओयू साइन किया था। इस मंजूरी के बाद दो तरफा ट्रेड में दुगुने से अधिक होने की संभावना है। यह समझौता जनवरी 2023 से लागू होने की उम्मीद है।

इसी साल दोनों देशों ने समझौता साइन किया था

आस्ट्रेलिया और भारत ने बीते 2 अप्रैल को द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते से ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित 6,000 से अधिक व्यापक क्षेत्रों के भारतीय निर्यातकों को ड्यूटी फ्री व्यापार करने का अवसर मिलेगा। भारत ने आस्ट्रेलिया से पहले मॉरीशस और यूएई के साथ यह समझौता किया हुआ है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आस्ट्रेलियाई संसद की मंजूरी के बाद इस समझौते से अगले पांच-छह वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 31 अरब डॉलर से बढ़कर 45-50 अरब डॉलर हो जाने की संभावना है। अब ऑस्ट्रेलिया अपनी 100 प्रतिशत प्रोडक्ट्स को बिना किसी प्रतिबंध के खोलेगा। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया जब भारत में निवेश करेगा तो रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे।

आस्ट्रेलिया के पीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी

आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते की संसद में मंजूरी की जानकारी दी गई है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि आस्ट्रेलियाई संसद ने मुक्त व्यापार समझौते को मंजूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत और आस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिलेगी।

भारतीय आईटी फर्मों को होगा फायदा

आस्ट्रेलिया में भारतीय 8.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एक्स्पोर्ट करता है जबकि इस साल उसने 16.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गुड्स का इंपोर्ट भी किया। अब इस समझौते के बाद यह द्विपक्षीय व्यापार दुगुना होने की संभावना है। इसका सबसे अधिक लाभ आईटी फर्मों को होगा। एक अनुमान के मुताबिक इस कदम से ऑस्ट्रेलिया में काम कर रही 100 से अधिक भारतीय आईटी फर्मों के लिए हर साल लगभग 200 मिलियन अमरीकी डालर की बचत हो सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि समझौते ने घरेलू निर्यात के लिए अवसरों का विस्तार किया है क्योंकि 98 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों में पहले दिन से टैरिफ लाभ होगा। हमें कोयला, एल्युमिना, मैंगनीज, तांबा, निकल, ऊन, खाल और त्वचा जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल का ड्यूटी फ्री इंपोर्ट भी मिलेगा। इससे हमारे मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट में दुनिया के साथ हम अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं।

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