गांवों की महिलाओं ने देश के बैंकों में जमा कर रखा है सबसे अधिक पैसा, RBI और SBI की दिलचस्प रिपोर्ट यही कहती है

रिजर्व बैंक आफ इंडिया(RBI) और स्टेट बैंक आफ इंडिया(SBI) ने फाइनेंसियल ईयर-20, 21 और 22 की एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, गांवों की महिलाओं ने बैंकों में सबसे अधिक पैसा जमा कर रखा है। 2020 में यह प्रतिशत 37 था, जबकि 21 में 24 प्रतिशत और 22 में बढ़कर 66 प्रतिशत हो गया है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि वहीं, ग्रामीण इलाके में 77.4% महिलाओं के पास बैंक अकाउंट है। 

Amitabh Budholiya | Published : Jun 30, 2022 4:33 AM IST

डेस्क न्यूज.रिजर्व बैंक आफ इंडिया(RBI) और स्टेट बैंक आफ इंडिया(SBI) ने फाइनेंसियल ईयर-20, 21 और 2022 की एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, गांवों की महिलाओं ने बैंकों में सबसे अधिक पैसा जमा कर रखा है। 2020 में यह प्रतिशत 37 था, जबकि 21 में 24 प्रतिशत और 22 में बढ़कर 66 प्रतिशत हो गया है। 20-21 में 30% के मुकाबले 2021-22 में यह चेंज 43% रहा। सेमी अर्बन महिलाओं का डिपोजिट शेयर 2020 में 29% था। 2021 में यह 22% रहा, लेकिन फाइनेंसियल ईयर-2022 में यह बढ़कर 41% हो गया। अर्बन महिलाओं का डिपोजिट शेयर 2020 में 28%, 2021 में 21%, जबकि  फाइनेंसियल ईयर-2022 में यह बढ़कर 32% हो गया। मेट्रोपॉलिटन महिलाओं का डिपोजिट शेयर 2020 में 26% था। 2021 में यह 10% था, जबकि फाइनेंसियल ईयर-2022 में यह बढ़कर 28% हो गया। 2020 में कोरोना के चलते इसका 2021 पर इसका असर दिखाई दिया था।

NFHS-4 की रिपोर्ट देखिए
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि वहीं, ग्रामीण इलाके में 77.4% महिलाओं के पास बैंक अकाउंट है। जबकि शहरी इलाके में 81% महिलाओं के पास बैंक खाता है। NFHS-4 के पिछले आंकड़ों की तुलना में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। साल 2015-16 में 53% महिलाओं के पास अपने बैंक अकाउंट थे, जबकि अब यह संख्या 78.6% है। बैंकों में खाता खुलवाने में राजस्थान और आंध्र प्रदेश के गांवों की महिलाएं टॉप पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 91.4%, राजस्थान में 90.5%, तमिलनाडु में 90.9%, केरल में 88.4% महिलाओं के बैंकों में खाते हैं। जबकि मध्य प्रदेश में 83.6%, छत्तीसगढ़ में 86.4% और उत्तर प्रदेश में 79.1% महिलाओं ने बैंकों में खाते खुलवाए हैं।

Latest Videos

गुजरात के गांव को उदाहरण के तौर पर देखिए
गुजरात के कच्छ जिले में एक गांव है माधापर। यहां करीब 7600 घर होंगे, लेकिन आसपास 17 बैंक है। पिछले साल इस गांव की खूब चर्चा हुई थी, क्योंकि इसे दुनिया का सबसे अमीर गांव माना गया था। यहां के ज्यादातर लोग विदेशों में काम करते हैं। इसकी वजह से इन बैंकों में गांववालों का 5000 करोड़ से अधिक पैसा डिपोजिट माना गया था। तब गांव के पोस्ट आफिस में ही 200 करोड़ रुपए फिक्स डिपोजिट काउंट की गई थी। इसे एक एग्जाम्पल के तौर पर लिया जा सकता है। 

बैंकिंग सेक्टर में सुधार भी एक वजह
बैंकिंग सेक्टर में सुधार का एक ही मकसद रहा है कि अगर बैंकों पर जमाकर्ता(Depositors) का भरोसा बढ़ाना है, तो उनके पैसे को सुरक्षा देनी होगी। किसी भी देश की समृद्धि में बैंकों का बड़ा योगदान होता है। इसलिए बैंकों पर डिपोजिटर्स का विश्वास बहुत जरूरी है। पिछले कुछ सालों में यह विश्वास बढ़ा है। खासकर, पहले दूर-दूर तक ग्रामीण इलाकों में बैंकों की ब्रांच नहीं होती थीं, लेकिन अब हर गांव के 5 किमी के एरिया में कोई न कोई बैंक मौजूद है। 

बैंकों पर विश्वास बढ़ने की एक वजह यह भी
देश की आजादी के बाद 60 के दशक में बैंक डिपोजिटर्स के लिए इंश्योरेंस सिस्टम तैयार किया गया था। इस पर बैंक डूबने पर सिर्फ 50 हजार रुपए लौटने तक की गारंटी थी। लेकिन अब डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत यह राशि 5 लाख रुपए तक कर दी गई है, वो भी बैंकों को 90 दिनों के अंदर देनी होगी। इस व्यवस्था ने भी बैंकों पर भरोसा बढ़ाया है।

जनधन योजना का भी बड़ा रोल
वर्ष, 2014 में जब केंद्र सरकार ने प्रधामंत्री जनधन योजना(Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana) शुरू की थी, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि इसके तहत खुले करोड़ों बैंक अकाउंट्स में से आधे से अधिक महिलाओं के होंगे। इन बैंक अकाउंट्स का महिलाओं की फाइनेंसियल पावर बढ़ाया है। एक समय था, जब गरीबों को लगता था कि बैंक में खाता तो बड़े लोगों का होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। पिछले कुछ सालों में सरकार ने बैंकिंग सुधार के तहत कई छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों से मर्ज कर दिया है। इससे उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी में इम्प्रूवमेंट हुआ है। RBI खुद को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करने लगा है।

यह भी पढ़ें
अफसर समझ नहीं पा रहे थे कि इन बहनों को 1 स्टूडेंट मानें या 2, अब 12th एग्जाम में बना दी मिसाल

आकाश से ईशा तक, जानें कितने पढ़े-लिखे हैं अंबानी खानदान के पांचों बच्चे, एक तो 30 की उम्र में बन गया चेयरमैन
 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
RSS और BJP की चुप्पी! संजय सिंह ने फिर से दोहराए Arvind Kejriwal के पूछे 5 सवाल
CM बनते ही दूसरी कुर्सी पर बैठी Atishi , आखिर क्यों बगल में खाली छोड़ दी 'गद्दी' । Arvind Kejriwal
कहीं आपके घी में तो नहीं है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें चेक । Adulteration in Ghee