फार्च्यून इंडिया 500: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी, IOC पीछे

फार्च्यूयन इंडिया ने यह जानकारी देते हुये कहा कि 2018- 19 में 5.81 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने के साथ ही मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली आरआईएल पहली कंपनी है जिसने कुल कारोबार के मामले में आईओसी को पीछे छोड़ा है

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2019 2:57 PM IST / Updated: Dec 16 2019, 10:22 PM IST

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अब फार्च्यूयन इंडिया 500 सूची में शीर्ष पर पहुंच गई है आरआईएल को आम उपभोक्ताओं पर केन्द्रित कारोबार से इस स्थान पर पहुंचने में मदद मिली है। 

फार्च्यूयन इंडिया ने यह जानकारी देते हुये कहा कि 2018- 19 में 5.81 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने के साथ ही मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली आरआईएल पहली कंपनी है जिसने कुल कारोबार के मामले में आईओसी को पीछे छोड़ा है। आईओसी पिछले लगातार दस साल से इस मुकाम पर बनी हुई थी। आरआईएल संगठित खुदरा बिक्री, दूरसंचार और पेट्रोलियम कारोबार के क्षेत्र में कार्यरत है।

ओएनजीसी तीसरे स्थान पर 

सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) 2018 में इस मामले में तीसरे स्थान पर रही। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक, टाटा मोटर्स और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का स्थान रहा। वर्ष 2018 और 2019 में इनकी रैकिंग में कोई बदलाव नहीं आया।

फार्च्यूयन इंडिया- 500 की इस सूची में कंपनियों की अनुषंगी को शामिल नहीं किया गया है। इस प्रकार ओएनजीसी की रैकिंग तय करते समय इसमें उसकी अनुषंगियों हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के कारोबार को शामिल नहीं किया गया है।

ये कंपनिया भी हैं सूची में शामिल

राजेश एक्सपोट्र्स 2019 में सातवें स्थान पर रही। वह एक पायदान ऊपर चढ़ी है। इसी प्रकार टाटा स्टील, कोल इंडिया, टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज और लार्सन एण्ड टुब्रो भी एक स्थान ऊपर चढ़कर क्रमश 8वें, 9वें, 10वें और 11वें स्थान पर पहुंच गये।

आईसीआईसीआई बैंक दो पायदान चढ़कर 12वें स्थान पर पहुंच गया जबकि हिन्डाल्को इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक का स्थान इसके बाद रहा। वेदांता लिमिटेड 2019 की सूची में तीन स्थान नीचे आ गया और 18वें स्थान पर रहा।

फार्च्यूयन 500 कंपनियों का कुल घाटा हुआ कम

फार्च्यूयन ने कहा कि आरआईएल का कारोबार 2018- 19 में 41.5 प्रतिाश्त बढ़ गया यह आईओसी से 8.4 प्रतिशत अधिक रहा। कुल मिलाकर फार्च्यूयन इंडिया- 500 कंपनियों का राजस्व 2019 में 9.53 प्रतिशत बढ़ गया जबकि मुनाफा 11.8 प्रतिशत बढ़ा है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच विलय, सार्वजनिक उपक्रमों में विलय सहित अन्य कारणों से 57 कंपनियां इस सूची से बाहर हो गई। इस दौरान फार्च्यूयन 500 कंपनियों का कुल घाटा कम हुआ है। 65 कंपनियों का कुल घाटा 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि इससे पिछले वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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