
बिजनेस डेस्क। किशोर बियाणी के फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) के बीच विवाद गहराता जा रहा है। किशोर बियाणी के फ्यूचर समूह (Future Group) के रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के साथ 24,713 करोड़ रुपए का सौदा करने के बाद फ्यूचर ग्रुप और अमेजन के बीच विवाद शुरू हुआ था। अमेजन इस मामले को पहले सिंगापुर की मध्यस्थता न्यायालय में लेकर गई थी, जहां इस सौदे पर अंतरिम रोक का आदेश जारी किया गया था। इसके बाद इस डील में अड़ंगा लग गया। बता दें कि अमेजन ने भी फ्यूचर ग्रुप में निवेश कर रखा है।
फ्यूचर-अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट में 2 नवंबर को कैवियट पिटीशन दायर किया था। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद अमेजन ने भी दिल्ली हाईकोर्ट में कैवियट याचिका लगाई है। कैवियट पिटीशन दायर करने का मतलब है कि कोर्ट किसी मामले में किसी एक पक्ष को सुन कर ही फैसला नहीं सुनाए। हालांकि, अमेजन ने अभी दिल्ली हाईकोर्ट में कैवियट पिटीशन दायर करने को लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।
क्या है मामला
यह पूरा मामला फ्यूचर ग्रुप के अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की सहयोगी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (Reliance Retail Ventures Limited) को अपना खुदरा एवं थोक कारोबार और फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड का लॉजिस्टिक एवं गोदाम कारोबार बेचने के सौदे से जुड़ा है। इस सौदे पर अमेजन ने आपत्ति जताई है। अमेजन का कहना है कि उसने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर कंपनी एफसीपीएल (FCPL) में पिछले साल अगस्त में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इसलिए रिलायंस से हुए इस सौदे से पहले अमेजन को फ्यूचर समूह में निवेश करने के बारे में पहले पूछे जाने का अधिकार मिला है। साथ ही, 3 से 10 साल की अवधि के बाद समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला है। एफसीपीएल की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
देश भर में फ्यूचर रिटेल के हैं 1500 से ज्यादा स्टोर
फ्यूचर रिटेल (Future Retail) देशभर में बिग बाजार (Big Bazaar) समेत 1500 से ज्यादा खुदरा स्टोर चलाती है। फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपए का सौदा किया है। फिलहाल, भारतीय रिटेल मार्केट पर कब्जा करने को लेकर अमेजन, रिलायंस और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट के बीच होड़ चल रही है। रिलायंस के साथ हुए फ्यूचर ग्रुप के सौदे को रोकने के लिए अमेजन सिंगापुर में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फोरम से 25 अक्टूबर को अपने पक्ष में अंतरिम आदेश हासिल कर चुकी है।