भारत अंग्रेजों की धरती से चीन को पटखनी देने की तैयारी कर रहा है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) से अंग्रेजों की धरती पर मेक इन इंडिया (Make in India) प्लान को अमलीजामा पहनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
बिजनेस डेस्क। फ्री ट्रेड को लेकर भारत और ब्रिटेन (India-UK FTA Talk) के बीच वार्ता होगी और धड़कने पड़ोसी मुल्क चीन की बढ़ेंगी। भारत अंग्रेजों की धरती से चीन को पटखनी देने की तैयारी कर रहा है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) से अंग्रेजों की धरती पर मेक इन इंडिया (Make in India) प्लान को अमलीजामा पहनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। इस समझौते से जहां भारतीय सामान में ब्रिटेन में सस्ता होगा साथ ही भारतीय निर्यातकों को भी बड़ा फायदा होगा। साथ ही भारत की चीन पर राजनीतिक और रणनीतिक तौर से बड़ी जीत भी होगी। भारत पहले चीन के सामान और कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा चुका है। जिसकी वजह से चीन को रेवेन्यू के तौर पर बड़ा नुकसान हुआ है। अब भारत विदेशी धरती पर भी चीन को उसी के मोर्चे पर मात देने की तैयारी में लगा हुआ है।
इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर से मुलाकात
गुरुवार को भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत की औपचारिक शुरुआत के लिए ब्रिटेन की इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर ऐनी मेरी ट्रेवेलियन से मुलाकात की। दोनों के बीच भारत और ब्रिटेन को लाभ पहुंचाने वाले विभिन्न व्यापार अवसरों पर चर्चा करेंगे। गोयल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की शुरुआत के लिए ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी मेरी ट्रेवेलियन से मुलाकात की। इस समझौते का उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देने के अलावा, वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाना और सीमा शुल्क को कम करना है। भारत की ओर से 2020-21 में ब्रिटेन को निर्यात 8.15 अरब डॉलर रहा और ब्रिटेन से यहां पर आयात 4.95 अरब डॉलर रहा।
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यूके पीएम ने कहा
यूके के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन के पास विश्व स्तरीय व्यवसाय और विशेषज्ञता है, जिस पर हमें गर्व हो सकता है, स्कॉच व्हिस्की डिस्टिलर्स से लेकर वित्तीय सेवाओं और अत्याधुनिक नवीकरणीय प्रौद्योगिकी तक। हम हिंद-प्रशांत की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में वैश्विक मंच पर अपनी जगह पक्की करने और रोजगार और विकास देने के लिए पेश किए गए अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।
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ट्रेवेलियन ने कहा
लंदन छोड़ने से पहले ट्रेवेलियन ने कहा कि हम अपने ब्रिटिश उत्पादकों और निर्माताओं के लिए खाने-पीने से लेकर सेवाओं और ऑटोमोटिव तक कई उद्योगों के लिए इस विशाल नए बाजार (भारत द्वारा पेश किए गए) को खोलना चाहते हैं। भारत 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय संघ की तुलना में बड़ी आबादी है। यह अनुमान लगाया गया था कि भारतीय कंपनियां पहले से ही यूके में 95,000 नौकरियों का समर्थन करती हैं, जिसमें टाटा यूके में सबसे बड़ा भारतीय नियोक्ता है।