भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, कलवरी वर्ग का समुद्री परीक्षण शुरू, Vagir घातक हथियार और अचूक सेंसर से होगी लैस

 प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी, यार्ड 11879, भारतीय नौसेना के कलवरी वर्ग ने 1 फरवरी को अपना समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। पनडुब्बी को नवंबर '20 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2022 12:42 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 06:30 PM IST

बिजनेस डेस्क।  भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने जा रहा है। प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी, यार्ड 11879, भारतीय नौसेना के कलवरी वर्ग ने 1 फरवरी को अपना समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। पनडुब्बी को नवंबर '20 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया था। कमीशनिंग के बाद पनडुब्बी का नाम वागीर (Vagir) रखा जाएगा। पनडुब्बी अब प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर सहित समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी। इन परीक्षणों के पूरा होने के बाद वर्ष 2022 में ही पनडुब्बी को भारतीय नौसेना को सौंपस दिया जाएगा।

अटैकिंग मछली का है नाम वागीर
एक महत्वपूर्ण विकासक्रम में, भारत की पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वागीर ने 1 फरवरी को मुंबई से अपनी पहला समुद्री सफर शुरू किया है। हालांकि इसके पिछले साल दिसंबर में परीक्षण शुरू किए जाने उम्मीद जताई गई थी। पनडुब्बी का 'वागीर' नाम एक तेज-तर्रार और बेहद अटैकिंग स्वभाव वाली समुद्री प्रजाति रेत मछली से लिया गया है।

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इसी साल किया जाएगा शामिल
प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी, इसे नवंबर 2020 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में तैयार किया गया था, इसे अब साल के अंत में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। भारतीय नौसेना ने कहा कि एमडीएल ने 2021 में कोविड महामारी के बीच दो स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डिलीवरी की और 'पांचवीं पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

आईएनएस करंज और आईएनएस वेला हो चुकी हैं शामिल
अपनी समुद्री यात्रा के दौरान, पनडुब्बी को प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर (propulsion systems, weapons and sensors) सहित समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरना होगा। पिछले साल, प्रोजेक्ट -75 के आईएनएस करंज और आईएनएस वेला को मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। पहली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी INS कलावरी को 2017 में कमीशन किया गया था जबकि INS खंडेरी को सितंबर 2019 में शामिल किया गया था।  

इन सभी पनडुब्बियों में उन्नत स्टील्थ और लड़ाकू क्षमताएं हैं। ये पनडुब्बियां विभिन्न प्रकार के टॉरपीडो और मिसाइल सिस्टम लॉन्च करने में सक्षम हैं। वे निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के तंत्र से भी लैस हैं।

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