BharatPe के Ex MD अशनीर ग्रोवर के रिश्तेदार दीपक गुप्ता को EOW ने किया अरेस्ट

अशनीर ग्रोवर भारत-पे के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनके परिवार के सदस्य को आर्थिक अपराध शाखा ने अरेस्ट किया है।

 

BharatPe case: फिनटेक यूनिकॉर्न फंड्स में हेराफेरी और भ्रष्टाचार के आरोप में BharatPe के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के परिवार के एक सदस्य को अरेस्ट किया गया है। अशनीर ग्रोवर भारत-पे के मैनेजिंग डायरेक्टर  रह चुके हैं। उनके परिवार के सदस्य को आर्थिक अपराध शाखा ने अरेस्ट किया है। ईओडब्ल्यू ने दीपक गुप्ता को अरेस्ट कर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पर रखा है।

साकेत कोर्ट में किया जाएगा पेश

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ईओडब्ल्यू, BharatPe के पूर्व एमडी अशनीर ग्रोवर के परिवार के सदस्य दीपक गुप्ता को साकेत कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस आगे की कार्रवाई और पूछताछ के लिए रिमांड मांगने की कोशिश में है। BharatPe केस में दीपक गुप्ता महत्वपूर्ण कड़ी है। पुलिस का मानना है कि दीपक गुप्ता से पूछताछ के बाद महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।

कौन हैं दीपक गुप्ता?

BharatPe केस में अरेस्ट किए गए दीपक गुप्ता, अशनीर ग्रोवर के खास रिश्तेदार हैं। अशनीर ग्रोवर की पत्नी माधुरी ग्रोवर की बहन के पति दीपक गुप्ता हैं। दीपक गुप्ता को ईओडब्ल्यू ने 19 सितंबर की रात में अरेस्ट किया था। उनको कुछ दिनों पहले ही BharatPe के हेड ऑफ कंट्रोल्स पद से बर्खास्त किया गया था।

जानिए क्या है BharatPe केस?

दरअसल, BharatPe द्वारा दो साल पहले दिसंबर 2022 को पांच अधिकारियों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराया गया था। इस केस में पूर्व एमडी अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी ग्रोवर, माधुरी के भाई श्वेतांक जैन, अशनीर ग्रोवर के ससुर सुरेश जैन और माधुरी के जीजा दीपक गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। इसके बाद साल 2023 में ईओडब्लयू ने 81 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में अशनीर ग्रोवर, माधुरी ग्रोवर, दीपक गुप्ता सहित कई परिवार के सदस्यों को आरोपी बनाकर केस दर्ज किया। इन पर आरोप है कि 81.3 करोड़ रुपये इनके द्वारा फर्जी तौर पर BharatPe का निकाला। फर्जी कंसल्टेंट्स, वेडर्स, ट्रेवेल एजेंसियों के नाम पर इन लोगों ने अवैध पेमेंट कराया। सारे एविडेंस इन लोगों ने फर्जी तरीके से तैयार कराए और सबूतों को नष्ट भी कराया।

BharatPe केस में अगस्त 2024 में पहला अरेस्ट

BharatPe केस में में ईओडब्लयू ने अगस्त महीना में अमित कुमार बंसल को अरेस्ट किया था। अमित बंसल को उस फर्म का सदस्य बताया गया था जोकि अस्तित्व में ही नहीं। ईओडब्ल्यू के अनुसार, 2019 से 2021 के बीच अमित बंसल ने 72 करोड़ रुपये BharatPe के डायरेक्टर्स की ओर से रिसीव किया था।

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