अपना घर या फ्लैट खरीदना हर किसी का सपना होता है। जॉब करने वालों के लिए यह मुश्किल का काम होता है। हालांकि, 3-20-30-40 वाले फॉर्मूले से घर खरीदना काफी आसान और कम झंझट वाला हो सकता है।
बिजनेस डेस्क : कम बजट, घर के खर्चों के बीच अपना मकान या फ्लैट ले पाना कहां संभव हो पाता है? सैलरीड पर्सन यानी नौकरी करने वालों के लिए यह और भी ज्यादा मुश्किल वाला काम होता है। फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स और कम बजट के चलते वह किराए के मकान में ही रहता है और उसका घर खरीदने का सपना पूरा नहीं हो पाता है। हालांकि अगर वो फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के बताए एक फॉर्मूले (Formula For Buying Home) को अपना ले तो उसके पास भी अपना मकान या फ्लैट हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है घर खरीदने का ये फॉर्मूला...
घर खरीदने का क्या है फॉर्मूला
घर या फ्लैट कितना बड़ा होगा, यह आपके इनकम पर डिपेंड करता है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ने 3/20/30/40 का फॉर्मूला दिया है। जिसकी मदद से आप अपना घर खरीद सकते हैं। जानें इस फॉर्मूले में 3, 20, 30, 40 का क्या मतलब है...
3- आप जो घर खरीदने जा रहे हैं, उसकी कीमत आपकी सालाना आय के तीन गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यानी अगर आप हर साल 8 लाख रुपए कमा रहे हैं तो घर की कीमत 24 लाख रुपए तक होनी चाहिए।
20- आपको लोन 20 साल या उससे कम तक ही रखना है। कोशिश यह भी करनी है कि लोन की राशि कम हो। कम समय के लिए लोन कम ब्याज पर मिल जाता है।
30- यह तय कर लें कि हर महीने जो आप EMI देंगे, वह आपकी मंथली सैलरी का 30 प्रतिशत से ज्यादा न हो। इसमें होम लोन, कार लोन सभी ईएमआई आए।
40- घर खरीदते समय जो डाउनपेमेंट करना होता है वह घर की कुल कीमत का करीब 40 प्रतिशत होना चाहिए। कई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन आपको बताएंगे कि डाउन पेमेंट सिर्फ 10 परसेंट ही करना है। लेकिन यह तय आप करें कि आप किस तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग कर खुद के घर खरीदने का सपना पूरा कर सकते हैं, वो भी बिना किसी फाइनेंशियल प्रेशर के।
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