एक डांसर ने शेयर बाजार में 33,000 डॉलर का निवेश करके 2 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की रकम कमाई। आखिर कैसे? जानते हैं शेयर मार्केट में निवेश की ये प्रेरणादायक कहानी और उस टेक्नीक का रहस्य, जिसके जरिये कमाए करोड़ों रुपए।
बिजनेस डेस्क। एक अमेरिकी पॉलिटिशियन ने कहा था- ज्ञान में किया गया निवेश सबसे अच्छा ब्याज देता है। ये बात हंगरी के डांसर निकोलस डार्वस पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उन्होंने 1957-59 के दौरान शेयर बाजार में सिर्फ 33,000 डॉलर का निवेश करके 2 मिलियन डॉलर कमाए थे। वर्तमान में इसकी कीमत 16.60 करोड़ रुपए होती है। डार्वस को उन दिग्गज निवेशकों में गिना जा सकता है, जिनकी कहानी इंस्पायरिंग होने के साथ-साथ इनकरेजिंग भी है।
एक्सीडेंटल ट्रेडर कहलाता है शख्स
1952 में, जब निकोलस डार्वस न्यूयॉर्क के मैनहट्टन स्थित लैटिन क्वार्टर में खेल रहे थे तो वहां टोरंटो क्लब के मालिक स्मिथ ब्रदर्स ने उन्हें एक प्रपोजल दिया। ये प्रपोजल कुछ और नहीं बल्कि शेयर मार्केट में निवेश का था। उस समय निकोलस एक डांसर थे और गलती से शेयर बाजार में आ गए, इसलिए उन्हें एक एक्सीडेंटल ट्रेडर के रूप में भी जाना जाता है।
आखिर क्या था डार्वस को मिला प्रपोजल?
स्मिथ ब्रदर्स ने निकोलस डार्वस को जो प्रपोजल दिया, वो ये था कि अगर वो टोरंटो क्लब में उनके लिए डांस परफॉर्मेंस देंगे तो इसके बदले उन्हें पैसे नहीं बल्कि कनाडा की एक माइनिंग फर्म ब्रिलंड कंपनी के शेयर दिए जाएंगे। निकोलस को पहले तो ये प्रपोजल बड़ा अजीबोगरीब लगा, लेकिन बाद में वो इसके लिए तैयार हो गए। हालांकि, किसी वजह से निकोलस डांस परफॉर्म नहीं कर पाए और इसके लिए उन्हें बहुत गिल्टी महसूस हुआ। बाद में निकोलस ने स्मिथ ब्रदर्स से कहा कि वो Brilund कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं और इस तरह उन्होंने 3000 डॉलर में शेयर खरीद लिए।
3000 डॉलर का निवेश 2 महीने में ही हुआ 4 गुना
करीब दो महीने तक निकोलस डार्वस अपने काम में बिजी रहे। फिर एक दिन, अखबार पढ़ते समय निकोलस खुशी से उछल पड़े। जिस ब्रिलंड कंपनी के स्टॉक उन्होंने 50 सेंट प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे, वो अब 1.90 डॉलर हो गए थे। इस तरह ब्रिलंड कंपनी के शेयरों में उनका कुल निवेश 3,000 डॉलर से बढ़कर 11,000 डॉलर हो चुका था। यानी निकोलस ने सिर्फ 2 महीने में ही अपने निवेश पर 8,000 डॉलर कमा लिए थे।
3 शेयरों में लगाया पैसा तो झेलना पड़ा नुकसान
निकोलस को पहले तो लगा कि ये सब किसी जादू की वजह से हुआ। उन्होंने सोचा जैसे हम सब पैसे कमाने के लिए काम करते हैं, तो फिर पैसा हमारे लिए आखिर कैसे काम करता है? इसके बाद उनकी दिलचस्पी शेयर बाजार में बढ़ने लगी। शेयर बाजार में सफल ट्रेडर और इन्वेस्टर बनने के लिए निकोलस ने फैसला किया कि अब वो इस फील्ड के अनुभवी और जानकार लोगों से सीखकर काम करेंगे। उन्होंने ओल्ड स्मोकी गैस एंड ऑयल्स, कैरैंड माइंस और रेक्सस्पार जैसे कुछ शेयरों में पैसा लगाया, लेकिन अबकि बार नुकसान हो गया।
शेयर बाजार में काम नहीं आते सुझाव और TIPS
इसके बाद, उन्होंने तय किया कि अब वो केवल मार्केट एक्सपर्ट की राय ही लेंगे। हालांकि, अखबार में ऐसी ही एक टिप्स को पढ़कर जब निवेश किया तो उन्हें फिर तगड़ा घाटा लगा। इसके बाद निकोलस डार्वस को समझ में आया कि शेयर बाजार में न तो किसी के सुझाव काम आते हैं और न ही शेयर बाजार की टिप्स। इसके बाद निकोलस ने सोचा कि कनाडाई शेयर बाजार यूरेनियम और सोने की हड़ताल से उपजे नियमित आंदोलनों की वजह से लगातार वॉलेटाइल कंडीशन में है, इसलिए उन्होंने अमेरिका के वॉल स्ट्रीट में निवेश शुरू किया।
निकोलस के ट्रेड से कहीं ज्यादा पैसा कमाने लगा ब्रोकर
ये वो समय था, जब वॉल स्ट्रीट में काफी रौनक थी। निकोलस एक दिन में करीब 20 ट्रेड करते थे। नतीजा ये हुआ कि ब्रोकरेज के जरिए निकोलस के ट्रेड से ब्रोकर ने उनसे कहीं ज्यादा पैसा कमाना शुरू कर दिया। बाद में निकोलस को एहसास हुआ कि छोटे-छोटे ट्रेडों से केवल थोड़ा पैसा ही मिलेगा। ऐसे में उन्होंने ऐसे शेयरों की तलाश शुरू की, जो मोटा मुनाफा दे सकें। इसके लिए उन्होंने सिक्योरिटीज मार्केट, शेयर बाजार से जुड़ी 200 से ज़्यादा किताबें पढ़ डालीं।
यहां-वहां से पूंजी जुटाकर किया निवेश तो हो गया बड़ा नुकसान
इस स्टडी और एनालिसिस के बाद निकोलस डार्वस को जोन्स एंड लॉफलिन नाम की कंपनी का शेयर मिल गया। शेयर तो मिल गया लेकिन उसमें पैसे लगाने के लिए पूंजी का इंतजाम करना जरूरी था। इसके लिए उन्होंने लास वेगास में अपनी प्रॉपर्टी से कुछ रकम इकट्ठा की। इसके अलावा लैटिन क्वार्टर जहां वो काम करते थे, वहां से कुछ एडवांस लिया। इसके साथ ही डांस परफॉर्मेंस से कमाई रकम को भी इकट्ठा किया। इस तरह सारा पैसा इस शेयर में लगाया, लेकिन एक बार फिर बड़ा नुकसान हो गया।
अब निकोलस ने निकाली एक नई तरकीब
अब निकोलस हैरान हो गए कि और सोचा-अगर शेयर बाजार से पैसा कमाया जा सकता है तो फिर वो कौन लोग हैं जो कमा रहे हैं? इसी उधेड़बुन में उन्होंने एक नई तरकीब आजमाने की सोची। तरकीब ये थी कि क्यों न ऐसे शेयर में निवेश किया जाए जो लगातार बढ़ रहा हो? अगर शेयर लगातार वॉल्यूम के साथ बढ़ रहा है और मैं ऐसे शेयर में निवेश करता हूं, तो मेरा पैसा भी बढ़ेगा। इस तकनीक के आधार पर उन्होंने Texas Gulf में पैसा लगाया और इस बार अच्छा मुनाफा भी हुआ।
मुनाफे को परखने निकोलस ने फिर अपनाई वही टेक्नीक
निकोलस डार्वस ने ये परखने का फैसला किया कि क्या ये मुनाफ़ा उन्हें किस्मत से मिला या वाकई उनकी स्ट्रैटेजी काम कर गई थी। इसके लिए उन्होंने फिर से उसी टेक्नीक के आधार पर M&M वुड वर्किंग नामक कंपनी के शेयर में पैसा लगाया। इस ट्रेड में भी उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ।
निकोलस ने शेयर बाजार से कैसे कमाए 2 मिलियन डॉलर?
निकोलस ने जो तकनीक अपनाई उसे 'बॉक्स थ्योरी' या 'बॉक्स टेक्नीक'कहते हैं। निकोलस का मानना है कि जो शेयर चार्ट पर ऊपर-नीचे चलते हैं, वे एक खास पैटर्न में मूव करते हैं, न कि हवा में गुब्बारे की तरह। ये शेयर एक बॉक्स पैटर्न में चलते हैं। मान लेते हैं एक शेयर 10 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है जो 20 डॉलर तक बढ़ जाता है। बाद में ये 15 डॉलर तक नीचे आता है और कुछ समय तक 12 से 20 की रेंज में चलता है। जब तक शेयर इस सीमित रेंज में चलता है, तब तक इसे बॉक्स कहते हैं। हमें तब तक इंतजार करना होता है, जब तक कि वो शेयर उस बॉक्स से बाहर नहीं निकल जाता। फ्रेश ब्रेकआउट मिलते ही अगर वो 20 डॉलर को पार कर जाता है और वॉल्यूम के साथ बढ़ता है तो हमें स्टॉप-लॉस के साथ उसे खरीद लेना चाहिए। इसी तकनीक के जरिये एक डांसर निकोलस ने लोरिलार्ड, ईएल ब्रूस, थियोकोल केमिकल और यूनिवर्सल प्रोडक्ट्स के शेयरों में पैसा लगाकर 2 मिलियन डॉलर यानी आज के हिसाब से 16.60 करोड़ रुपए कमाए।
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