सार

ये कहानी है कोलकाता के विजय किशनलाल केडिया की, जिन्होंने जीवन में अत्यंत गरीबी देखी। एक समय ऐसा भी आया, जब उनके पास अपने बच्चे के लिए दूध खरीदने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और शेयर बाजार में कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत बदली।

बिजनेस डेस्क। जिंदगी में कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं कि इंसान हर तरफ से टूट जाता है। उसे कुछ नहीं सूझता कि वो आगे अपना रास्ता कैसे बनाए। ऐसा ही कुछ हुआ कोलकाता के रहने वाले मशहूर स्टॉक ब्रोकर विजय किशनलाल केडिया के साथ। एक समय केडिया की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उनके पास अपने भूख से तड़पते बच्चे को दूध पिलाने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन केडिया ने इसे एक चुनौती की तरह लिया और फैसला किया कि वो इतनी दौलत कमाएंगे कि अपनी पत्नी को एक दिन मिल्क कंपनी गिफ्ट करेंगे।

अपनी लाचारी को नहीं बनाया कमजोरी

कोलकाता के एक मिडिल क्लास में पैदा हुए विजय केडिया के पिता स्टॉक ब्रोकर थे। जब वो 10वीं क्लास में थे, तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया। इसके बाद वो परीक्षा नहीं दे पाए और उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। पिता के जाने के बाद केडिया के पास इनकम का कोई सोर्स नहीं रहा। वो यहां-वहां छोटी मोटी नौकरी कर किसी तरह गुजारा करने लगे।

शादी होते ही आई पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी

इसी बीच, केडिया के परिजनों ने उनकी शादी करा दी। शादी होते ही उनके कंधों पर पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी भी आ गई। इसी बीच, केडिया के दिमाग में शेयर मार्केट से पैसे कमाने का विचार आया। हालांकि, स्टॉक मार्केट में एक नए शख्स के लिए सबकुछ करना इतना आसान भी नहीं था। शुरुआत में ही उन्हें बड़ा झटका लगा और शेयर मार्केट में नुकसान झेलना पड़ा। इसकी भरपाई के लिए उन्होंने यहां-वहां से कर्ज ले लिया, जिसे चुकाने के लिए मां के गहने तक बेचने पड़ गए। इतना सबकुछ होने के बाद भी अब तक केडिया को शेयर बाजार से कुछ खास हासिल नहीं हुआ था।

भूख से तड़पते बच्चे के लिए नहीं थे दूध तक के पैसे

विजय केडिया ने अपनी जिंदगी में वो समय भी देखा, जब भूख से बिलखते उनके बच्चे के लिए दूध तक के पैसे नहीं थे। पत्नी ने उन्हें दूध का पैकेट लाने को कहा, लेकिन उनकी जेब में इतने रुपए नहीं थे कि वो बाजार से दूध खरीद सकें। किसी तरह घर में यहां-वहां रखे सिक्के ढूंढकर बच्चे के लिए दूध आया। इसके बाद केडिया का इतना दुख हुआ, कि उन्होंने मन ही मन में ठान ली कि अब इतना पैसा कमाना है कि दूध की फैक्टरी भी अपनी होगी।

शहर बदलते ही बदल गई केडिया की किस्मत

इसके बाद विजय केडिया कोलकाता छोड़कर मुंबई चले आए। मुंबई में भी वो शेयर मार्केट का काम करने लगे। 1992, वो साल था जब केडिया की किस्मत पलटी। दरअसल, उन्होंने कुछ साल पहले 35 रुपए के भाव पर पंजाब ट्रैक्टर्स के कुछ शेयर लिए थे, जिनकी कीमत अचानक 5 गुना बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने ये शेयर बेचकर ACC सीमेंट के स्टॉक खरीदे। ये शेयर भी एक साल के भीतर ही 10 गुना बढ़ गया। इससे केडिया को इतना मुनाफा हुआ कि वह फैमिली के साथ मुंबई शिफ्ट हो गए।

वो दौर भी आया, जब हुआ तगड़ा नुकसान

विजय केडिया की किस्मत पलटे कुछ ही साल बीते थे कि तभी वो दौर भी आया, जब उन्हें शेयर बाजार में तगड़ा झटका लगा। दरअसल, 1992 की तेजी के कुछ साल बाद अचानक शेयर मार्केट क्रैश हुआ, जिसमें उन्हें बड़ा नुकसान हुआ।

3 शेयरों ने बदल दी केडिया की जिंदगी

हालांकि, 2004-05 में शेयर मार्केट ने एक बार फिर तेजी पकड़ी और इस दौरान केडिया ने तीन ऐसे शेयर खरीदे, जिन्होंने उनकी जिंदगी ही बदल दी। केडिया ने अतुल ऑटो , एजिस लॉजिस्टिक्स और सेरा सैनिटरीवेयर में पैसा लगाया, जिनकी कीमत अगले 10 से 12 साल में 100 गुना से भी ज्यादा हो गई। वर्तमान में उनके पास 15 ऐसी कंपनियों के स्टॉक हैं, जिनकी कुल कीमत 1695 करोड़ से भी ज्यादा है।

2009 में पत्नी को गिफ्ट किए मिल्क कंपनी के शेयर

विजय केडिया को अपने संघर्ष के दिनों की वो घटना कभी नहीं भूली, जब वो बेटे के लिए दूध तक नहीं ला पाए थे। 2009 में उन्होंने एक मिल्क कंपनी के कुछ शेयर खरीदकर पत्नी को ये कहते हुए गिफ्ट किए कि ये उस पैसे के बदले है, जो मैं बच्चे के दूध के लिए इकट्ठा नहीं कर पाया था। इसके बाद 2022 में उन्होंने सियाराम मिल्क कंपनी की 1.1 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली। आज के समय में वो देश के जाने-माने स्टॉक ब्रोकर हैं। उनकी कंपनी का नाम केडिया सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड है।

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