डीमैट अकाउंट (Demat Account) शेयर बाजार में निवेश करने का एक डिजिटल तरीका है। इसे खोलना आसान है और यह शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करता है। जानिए कैसे खोलें और इसके फायदे!
Demat Account Guide: अगर आप शेयर बाजार में कारोबार करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा। यह बेहद सरल काम है। आप घर बैठे ऑनलाइन डीमैट अकाउंट पा सकते हैं। आइए जानते हैं डीमैट अकाउंट क्या है, कैसे काम करता है और दूसरी जरूरी बातें...
डीमैट अकाउंट खुलवाना बेहद सरल काम है। इसे आप कुछ स्टेप्स में कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट आपकी जानकारियों को स्टोर करता है और ऑनलाइन ट्रेड करने के समय इसे डिजिटल रूप में शेयर करता है। चूंकि आजकल शेयरों का कारोबार डिजिटल तरीके से होता है, इसलिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है।
एक निवेशक के रूप में जानना जरूरी है कि डीमैट अकाउंट कैसे खोलें और इसका इस्तेमाल अपनी संपत्ति बनाने और बढ़ाने के लिए कैसे करें। आप अपने घर में आराम से बैठकर कुछ क्लिक के साथ डीमैट खाता खोल सकते हैं।
1996 से पहले ट्रेडिंग ऑफलाइन मोड में होती थी। SEBI द्वारा डीमैट खाते की शुरुआत के साथ इसने लोगों के निवेश करने का तरीका बदल दिया। इसने आम लोगों को आसानी से शेयर बाजार में निवेश करने की सुविधा दी है।
डीमैट अकाउंट को अक्सर डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट (Dematerialised account) के रूप में जाना जाता है। शेयर बाजार में व्यापार करने के लिए यह जरूरी है। डीमैट अकाउंट का उद्देश्य आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करना है। आप अपने डीमैट अकाउंट में स्टॉक, ईटीएफ, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड जैसी कई सिक्योरिटीज रख सकते हैं।
डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल प्रतिभूतियों (securities) और शेयरों के डिजिटल रूप में निवेश करने के लिए किया जाता है। निवेशक कहीं से भी अपने डीमैट अकाउंट तक पहुंच सकता है। इससे शेयर बाजार में कारोबार आसान होता है। डीमैट अकाउंट के साथ फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट डिजिटल फॉर्मेट में बदल जाते हैं। इससे यह तय होता है कि जरूरत होने पर खाताधारक उस तक पहुंच सकें।
स्टेप 1: डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट की खोज करें
एक डीपी (Depository Participant) चुनें जिसके साथ आप अपना डीमैट खाता खोलना चाहते हैं। डीपी के रेपुटेशन पर ध्यान दें। देखें कि क्या वह आपकी जरूरत के हिसाब से खास सेवाएं दे सकता है।
स्टेप 2: बेसिक डिटेल्स दें
डीपी चुनने के बाद डीपी की वेबसाइट पर ऑनलाइन खाता खोलने का फॉर्म भरें। शुरुआत में आपको अपना नाम, फोन नंबर, ईमेल, पता आदि जैसी बुनियादी जानकारी देनी होगी। आपको अपने पैन कार्ड के डिटेल्स भी देने होंगे।
स्टेप 3: बैंक डिटेल्स जोड़ें
आपको अकाउंट नंबर, अकाउंट टाइप, IFSC कोड जैसे बैंक डिटेल्स देने होंगे।
स्टेप 4: डॉक्यूमेंट अपलोड करें
अपना फोटो और अपने पते के प्रमाण और पहचान के प्रमाण से संबंधित डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
स्टेप 5: व्यक्तिगत वेरिफिकेशन
आपको इन पर्सन वेरिफिकेशन कराना होगा। यह काम आप घर बैठे करा सकते हैं। डीपी के किसी एजेंट के आपके पास आने और आपकी पहचान की पुष्टि करने की जरूरत नहीं है। बस अपना एक छोटा सा वीडियो रिकॉर्ड करें, दी गई स्क्रिप्ट (आपका नाम, पैन नंबर, पता, आदि) पढ़ें और सबमिट करें।
स्टेप 6: ई-साइन
अधिकांश डीपी आपको आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग करके अपने आवेदन पर डिजिटल रूप से साइन करने का विकल्प प्रदान करेंगे। यह एक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीका है। इससे कागजी कार्रवाई कम होती है।
स्टेप 7: फॉर्म जमा करना
ऊपर बताए गए चरणों को पूरा करने के बाद आप अपना फॉर्म जमा कर सकते हैं। इसके बाद आपका डीमैट अकाउंट जल्द ही बन जाएगा। आपको अपने अकाउंट का विवरण जैसे डीमैट खाता संख्या और अपने खाते तक पहुंचने के लिए लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त होंगे।
ऑफलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें? (How to Open Demat Account Offline)
स्टेप 1: डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) चुनें
डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया में पहला चरण डीपी चुनना है। यह कोई भी लाइसेंस प्राप्त बैंक, वित्तीय संस्थान या ब्रोकर हो सकता है। आप ब्रोकरेज फीस, सालाना फीस और दिए गए लीवरेज के आधार DP चुन सकते हैं।
स्टेप 2: आवश्यक डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें
डीमैट खाता खोलने का फॉर्म ठीक तरह भरें। इसके साथ जरूरी डॉक्यूमेंट्स लगाएं और जमा करें। आपको पैन, पते का प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो देना होगा।
स्टेप 3: कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करें
एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करना होगा। उसे प्रस्तुत करना जिसमें डीमैट खाता रखने से संबंधित सभी आवश्यकताओं, सीमाओं और अधिकारों का विवरण हो। इसके बाद आपको डीमैट खाता रखने से जुड़े सभी नियमों, प्रतिबंधों और अधिकारों को बताने वाले समझौते पर साइन करना होगा। इसे ध्यान से पढ़ें और अगर आपके पास कोई सवाल हो तो पूछने से न डरें। जब आप फॉर्म DP को सबमिट करेंगे तो एक अधिकृत व्यक्ति इस पर साइन करेगा और आपको इसकी एक कॉपी दी जाएगी।
स्टेप 4: यूनिक क्लाइंट आईडी
डिमैट अकाउंट खुलने पर डीपी आपको खास क्लाइंट आईडी देगा। यह और अन्य जानकारी आपको अपने डीमैट खाते तक ऑनलाइन पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देगी।
स्टॉकब्रोकर डीमैट खाता खोलने और उससे जुड़ी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए शुल्क लगाते हैं। यह शुल्क स्टॉकब्रोकर के हिसाब से अलग-अलग होता है। इसलिए, सही स्टॉकब्रोकर चुनना जरूरी है ताकि आप डीमैट खाता खोलने के लिए कम से कम पैसे दें और इससे मिलने वाली सुविधाओं और लाभों का आनंद लें।
खाता खोलने का शुल्क: आम तौर पर डीमैट अकाउंट खोलने पर फीस लिया जाता है। यह एक बार लिया जाता है। इसके बाद स्टॉकब्रोकर आपसे यह शुल्क नहीं लेगा।
AMC (Annual maintenance charge): डीपी द्वारा डीमैट खाताधारक से उनके डीमैट अकाउंट को बनाए रखने के लिए सालाना रखरखाव शुल्क लिया जाता है।
गिरवी शुल्क: यह ट्रेडिंग सीमा का लाभ उठाने के लिए डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को गिरवी रखने पर लगाया जाने वाला शुल्क है।
गिरवी वापस लेने का शुल्क: जब गिरवी रखे गए शेयरों को वापस लेना होता है तो यह शुल्क लागू होता है।
डीमटेरियलाइजेशन शुल्क: एक भौतिक शेयर प्रमाणपत्र को डिजिटल रूप में बदलने पर लिया जाता है।
रीमैटेरियलाइजेशन शुल्क: यह डीमैटेरियलाइजेशन के विपरीत है। इसमें डिजिटल शेयर सर्टिफिकेट को फिजिकल रूप में बदलने पर लिया जाता है।
डीपी शुल्क: डीपी शुल्क हर बार लागू होता है जब डीमैट खाते से ISIN डेबिट किया जाता है।
नोट- कुछ स्टॉकब्रोकर डीमैट अकाउंट खोलने के फीस को माफ कर सकते हैं।
1. पैन कार्ड
2. पासपोर्ट साइज फोटो
3. सिग्नेचर की कॉपी
4. पहचान पत्र- आप पैन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में दे सकते हैं।
5. पते का प्रमाण पत्र- आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और तीन महीने तक पुराना बिजली बिल दे सकते हैं।
6. बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट पासपोर्ट की कॉपी
7. कैंसिल चेक
8. IT रिटर्न या पेस्लिप
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट "डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट" का शॉर्ट फॉर्म है। यह आपके स्टॉक और प्रतिभूतियों के लिए एक डिजिटल वॉल्ट की तरह है। यह उन्हें फिजिकल सर्टिफिकेट्स के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है। यह स्टॉक मार्केट में शेयरों को खरीदना, बेचना और ट्रांसफर करना आसान बनाता है। इससे कागजी कार्रवाई की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?
डीमैट अकाउंट आपके निवेश, जैसे स्टॉक और बॉन्ड के लिए सुरक्षित डिजिटल लॉकर है। यह फिजिकल सर्टिफिकेट्स के बजाय निवेश को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करता है। जब आप स्टॉक खरीदते या बेचते हैं तो यह उन्हें इस डिजिटल लॉकर में डालने या निकालने जैसा होता है। आपका डीमैट खाता इन सभी लेन-देन का ट्रैक रखता है। इससे कागजी कार्रवाई या फिजिकल डॉक्यूमेंट्स दिए बिना शेयर बाजार में अपने निवेश को मैनेज कर सकते हैं।
क्या ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोलना सुरक्षित है?
हां, ऑनलाइन डीमैट खाता खोलना आम तौर पर सुरक्षित है। अपने डीमैट खाते की सुरक्षा तय करने के लिए विश्वसनीय ब्रोकर का चुनाव सुनिश्चित करें। अच्छे पासवर्ड रखें। अपने लॉगिन विवरण को गोपनीय रखें।
क्या मैं एक से ज़्यादा डीमैट अकाउंट खोल सकता हूं?
हाँ, आप एक से ज़्यादा डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और आपके पास हर अकाउंट के लिए एक ही ब्रोकर या अलग-अलग ब्रोकर चुनने की सुविधा है।
क्या कई डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?
आप एक से ज्यादा डीमैट खाते खोल सकते हैं। आपके पास हर खाते के लिए एक ही ब्रोकर या अलग-अलग ब्रोकर चुनने की सुविधा है। अगर आप कई डीमैट अकाउंट रखना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित तरीका अपना सकते हैं...
नोट- अगर आप एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोलते हैं तो ऐसी स्थिति में BSDA की सुविधा नहीं मिलेगी।
हां, शेयरों को एक डीमैट अकाउंट से दूसरे में ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके लिए नीचे बताए गए स्टेप को फॉलो करें...