कोविड वायरस को IT Sector ने किया डिलीट, जाब मार्केट में बहार, स्टार्टअप्स का अहम रोल: Founder Naukri.com

नौकरी डाट काम के फाउंडर संजीव भिखचंदानी (sanjeev bikhchandani ) का मानना है कि कोरोना की वजह से दो साल तक छाई धुंध अब छंटने लगी है। मार्केट में डिमांड बढ़ी है और कई सेक्टर्स में मौके बन रहे हैं।

Manoj Kumar | Published : Jun 28, 2022 4:45 AM IST

बेंगलुरू. इंप्लायमेंट के लिए देश की सबसे बड़ी साइट नौकरी डाट काम के फाउंडर संजीव भिखचंदानी का मानना है कि कोरोना के वायरस को आईटी सेक्टर ने लगभग डिलीट कर दिया है। आईटी इंडस्ट्री इस समय लीड कर रहा है और कई सेक्टर्स में सुधार देखा जा रहा है। उन्होंने कहा दुनियाभर में भारतीय प्रोफेशनल्स की मांग को देखते हुए कहा जा सकता है कि आईटी सेक्टर ने कोरोना की दिक्कतों को अब पीछे छोड़ दिया है। आईटी ही नहीं इंफ्रास्ट्रक्टर इंडस्ट्री भी तेजी से विकास कर रही है, जहां युवाओं के लिए शानदार मौके हैं। 

क्या है आईटी सेक्टर के बूम का कारण
नौकरी डाट काम के फाउंडर संजीव भिखचंदानी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा आईटी सप्लायर है। इसकी वजह यह है कि भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स का काम कई देशों को भाता है। दूसरा यह कि कोरोना की वजह से डिजिटलीकरण तेजी से हुआ है। देश में ही नहीं पूरी दुनिया में डिजिटल स्पेस बढ़ा है, जिसकी वजह से आईटी सेक्टर में मैसिव डिमांड आई। आईटी प्रोफेशनल्स की मांग सिर्फ आईटी इंडस्ट्री में ही नहीं है बल्कि नान आईटी कंपनियां भी ऐसे प्रोफेशनल्स को हायर कर रही हैं। 

जाब मार्केट में क्या है स्टार्टअप की भूमिका
नौकरी डाट काम के फाउंडर संजीव भिखचंदानी का कहना है कि आईटी सेक्टर में ग्रोथ की एक वजह स्टार्टअप्स का आना है। सरकार ने यह बढ़िया प्रोग्राम शुरू किया है। छोटे-छोटे आईडिया पर सैकड़ों युवाओं ने स्टार्टअप्स शुरू किए हैं, जिसके परिणाम देखकर आप हैरान रह जाएंगे। इन स्टार्टअप्स ने अर्बन और रूरल इंडिया के बीच की दूरी को भी कम किया है। रोजगार की ढेरों संभावनाओं को जन्म दिया है। स्थानीय स्तर पर भी रोजगार का सृजन किया है। यही कारण है कि आज स्टार्टअप में बड़ी कारपोरेट कंपनिया इंवेस्ट कर रही हैं। भारतीय स्टार्टअप्स की वजह से निवेश और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिला है और आने वाले समय में यह तेजी से विकास करने वाला है। 

युवाओं को कैसे मिले नौकरी
नौकरी डाट काम के फाउंडर संजीव भिखचंदानी ने कहा कि एक उदाहरण देता हूं। स्किल इंडिया प्रोग्राम है लेकिन इसका जितना असर पड़ना चाहिए, उतना दिख नहीं रहा है। स्किल ट्रेंड का मतलब होता है कि जिनको जिस ट्रेड में प्रशिक्षित किया जा रहा है,उन्हें कम से कम उस सेक्टर में काम कराया जाए। आप मान लीजिए कि किसी को झारखंड के किसी टाउन में ट्रेनिंग देकर आप दिल्ली, मुंबई में नौकरी आसानी से नहीं दिला सकते। इसके लिए युवाओं को आन जाब ट्रेनिंग की ओर ले जाना होगा, तभी हम स्किल्ड मैन पावर दे पाएंगे। ऐसे युवाओं के लिए नौकरी के तमाम मौके हैं। 
 

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