NPCI ने कहा- UPI सर्विस चालू, Gpay, paytm, phonepe गड़बड़ी का हुआ समाधान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मासिक मन की बात रेडियो प्रसारण के दौरान देश में प्रतिदिन 20,000 करोड़ रुपए के डिजिटल ट्रांजेक्शन होने की बात कहने के कुछ घंटे बाद यूपीआई सर्वर नीचे चला गया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2022 11:08 AM IST

बिजनेस डेस्क। रविवार को एक घंटे से अधिक समय तक डाउन रहे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई सर्वर की सर्विस अब बहाल कर दी गई हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने सोमवार को एक बयान में कहा यूपीआई सर्विसेज हमेशा की तरह काम कर रही हैं। कुछ यूजर्स को यूपीआई का उपयोग करते समय कुछ समय के लिए, लगभग 8 बजे (24 अप्रैल को) समस्याओं का अनुभव हो सकता है। कुछ यूपीआई इकाेसिस्टम पार्टनर्स के साथ क्षणिक समस्या हल हो गई है।

सर्वर हो गया था डाउन
कल, हजारों यूजर्स ने फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे प्रमुख यूपीआई ऐप के माध्यम से ट्रांजेक्शन फेल होने के बारे में शिकायत करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। यूजर्स को लंबे प्रोसेसिंग टाइम के बाद ट्रांजेक्शन फेल होने की सूचना मिल रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मासिक मन की बात रेडियो प्रसारण के दौरान देश में प्रतिदिन 20,000 करोड़ रुपए के डिजिटल ट्रांजेक्शन होने की बात कहने के कुछ घंटे बाद यूपीआई सर्वर नीचे चला गया।

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दुकानदारों और ग्राहकों दोनों को हो रहा है फायदा
पीएम मोदी ने भारतीय नागरिकों से भुगतान के साथ डिजिटल होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों को 'कैशलेस डेआउट' के लिए जाना चाहिए, अब छोटे गांवों और कस्बों में भी लोग यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं। इससे दुकानदारों और ग्राहकों दोनों को फायदा हो रहा है। ऑनलाइन भुगतान एक डिजिटल इकोनाॅमी  विकसित कर रहे हैं, हर रोज 20,000 करोड़ रुपए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हो रहे हैं।

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83.45 लाख करोड़ रुपए के भुगतान हुए
वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2021-22 में, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से 1.09 ट्रिलियन डाॅलर यानी लगभग 83.45 लाख करोड़ रुपए के भुगतान प्राेसेस्ड किए गए। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अनुसार, मार्च 2022 में, यूपीआई ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया - इसने पहली बार 5.04 बिलियन ट्रांजेक्शन को प्राेसेस्ड किया। यूपीआई की आश्चर्यजनक सफलता और लोकप्रियता भारतीय रिजर्व बैंक के विजन, एनपीसीआई और कई फिनटेक कंपनियों के कारण संभव हुई है, जिन्होंने इस पर अपने ऐप बनाने के लिए यूपीआई की तकनीक का लाभ उठाया।

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