पद्म भूषण बिजनेस टायकून शापूरजी पालोनजी मिस्त्री का 93 वर्ष की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

बिजनेस टायकून शापूरजी पालोनजी का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उनका 50 से अधिक देशों में कारोबार है। उन्हें वर्ष 2016 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है। 

Moin Azad | Published : Jun 28, 2022 5:35 AM IST / Updated: Jun 28 2022, 03:45 PM IST

बिजनेस डेस्कः शापूरजी पालोनजी ग्रुप के चेयरमैन पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry) का 93 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। पालोनजी मिस्त्री का जन्म 1929 में गुजरात के पारसी फैमिली में हुआ था। उनका निधन मुंबई में हुआ है। शापूरजी पालोनजी मिस्त्री को साल 2016 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। शापूरजी पालोनजी ग्रुप का कारोबार इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, वाटर एनर्जी एंड फाइनेंशियल सर्विसेज में फैला हुआ है। इस ग्रुप में करीब 50 हजार लोग काम करते हैं। उनके बेटे साइरस मिस्त्री एक वक्त टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए थे। हालांकि विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। 

कई देशों में फैला है कारोबार
शापूरजी पालोनजी ग्रुप का कारोबार 50 देशों में फैला हुआ है। यह ग्रुप देश की ऐतिहासिक कंपनी है। पिछले 150 सालों से कंपनी अस्तित्व में है। पालोनजी मिस्त्री सबसे अमीर आयरिश थे। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 28.9 बिलियन डॉलर है और वे दुनिया में 41वें सबसे रईस थे। वे आयरलैंड के सबसे रईस व्यक्ति थे। पालोनजी मिस्त्री के दो बेटे हैं, जिनका नाम शापूरजी मिस्त्री और साइरस मिस्त्री है। शापूरजी मिस्त्री इस समय एसपी ग्रुप के चेयरमैन हैं। साइरस मिस्त्री उनके छोटे बेटे हैं। साल 2012-2016 के बीच साइरस मिस्त्री टाटा संस में चेयरमैन थे। विवाद के कारण उन्हें बोर्ड से निकाल दिया गया था।

पीएम मोदी ने जताया शोक
पीण मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा, 'पल्लोनजी मिस्त्री के निधन से दुखी हूं। उन्होंने वाणिज्य और उद्योग की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।' 

 

टाटा संस में हिस्सेदारी
शापूरजी पालोनजी ग्रुप के पास टाटा संस में बड़ी हिस्सेदारी है। SP ग्रुप के पास टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है। उनके साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन भी बनाए गए थे, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया था। कोर्ट में मामला सेटल होने के बाद वे अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहते थे। इस मामले में भी दो कॉर्पोरेट हाउस आमने-सामने हैं। टाटा संस को बेचने के पीछे यह बी कारण है कि एसपी ग्रुप इस समय फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहा है। कंपनी पर कर्ज का बड़ा बोझ है। कंपनी नॉन कोर बिजनेस को बेचकर फंड इकट्ऐठा करना चाहती है। 

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