कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम मोदी ने 30 मई को एक स्कीम निकाला। इस स्कीम के तहत बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और रहन-सहन की जिम्मेदारी सरकार ने उठा ली है। इसके लिए बच्चों को हर महीने 4000 रुपए दिए जाएंगे।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार ( 30-मई- 2022) को कोरोना महामारी के दौरान अपने माता पिता को खो चुके बच्चों के लिए पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PM Care for Children Scheme) की शुरुआत की। इस स्कीम के तहत बच्चों की पढ़ाई से लेकर स्वास्थ्य और बेसिक रहन- सहन के लिए सरकार वित्तीय मदद देगी। मोदी सरकार ने इस योजना के लिए लाभार्थियों को तय करने की कट ऑफ डेट 11 मार्च 2020 से 28 मार्च 2022 रखी है। अगर इस तारीख के बीच में किसी भी बच्चे के माता-पिता या वैध अभिभावक की मृत्यु कोरोना से हो गई है तो उसे पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम का लाभ मिलेगा। इस स्कीम का लक्ष्य बच्चों की देखभाल करना, स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के जरिए सशक्त बनाना और 23 साल की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान करके उसे आत्मनिर्भर बनाना है।
दिए जाएंगे 4000 रुपए
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (PM Cares Fund For Children Yojna) के तहत लाभों को जारी करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (30 मई) को महामारी से प्रभावित छात्रों और बच्चों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। घोषणा के तहत, पीएम ने कहा कि कोविड -19 में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 4,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। बच्चे पढ़ाई करेंगे तो आगे और भी पैसों की जरूरत होगी। उन्हें 18 साल से 23 साल तक स्टाइपेंड मिलेगा। 23 साल के होंगे तो 10 लाख रुपए और मिलेंगे। कोई बीमारी कभी आ गई तो इलाज के लिए पैसे चाहिए होंगे। उनके गार्जियन को उसके लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको आयुष्मान कार्ड दिया जा रहा है। इससे 5 लाख तक के इलाज का इलाज मुफ्त मिलेगा।
बच्चों के लिए बनाया गया हेल्पलाइन
PM मोदी ने कहा कि सरकार ने एक कोशिश करने का प्रयास किया है। इसके लिए एक विशेष संवाद सेवा शुरू की है। हेल्पलाइन पर बच्चे मनोवैज्ञानिक विषयों पर सलाह ले सकते हैं। उनसे चर्चा कर सकते हैं। कोरोना महामारी की मार पूरी दुनिया ने सही है। आपने जिस साहस और हौसले से इस संकट का सामना किया है। उस हौसले के लिए मैं आपको सलाम करता हूं। बता दें कि सरकार ने यह योजना पिछले साल 29 मई को लॉन्च की थी। इसके तहत 11 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2022 के बीच कोरोना महामारी के चलते अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या माता या पिता में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की मदद की जाती है।
किसे मिलेगा ये लाभ
इसके तहत प्रत्येक बच्चे को 20 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पासबुक और हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार को 23 राज्यों के 611 जिलों से 9,042 आवेदन मिले थे। इनमें से 31 राज्यों के 557 जिलों के 4,345 आवेदनों को मंजूरी मिली।
पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन की अच्छी बातें
क्या है पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना
इस योजना का उद्देश्य बच्चों को भोजन और घर उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ऐसे बच्चों को शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाने के साथ 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह स्कीम हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए ऐसे बच्चों की सेहत का भी ख्याल रखती है। इसके तहत उन्हें 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा।
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