सिम कार्ड बेचे, हाउसकीपिंग से लेकर अकाउंटेंट तक का काम किया, आज बने देश के सबसे कम उम्र में अमीर

आईआईएफएल (IIFL)ने देश के अमीरों की लिस्ट जारी की है, जिसमें 25 साल के एक बिजनेसमैन का भी नाम शामिल है। यह नाम है ओयो रूम्स कंपनी के मालिक रितेश अग्रवाल का। रितेश 7,500 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। रितेश ने अपने दम पर सबसे कम उम्र के अरबपति का खिताब हासिल किया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 25, 2019 2:56 PM IST

नई दिल्ली. आईआईएफएल (IIFL)ने देश के अमीरों की लिस्ट जारी की है, जिसमें 25 साल के एक बिजनेसमैन का भी नाम शामिल है। यह नाम है ओयो रूम्स कंपनी के मालिक रितेश अग्रवाल का। रितेश 7,500 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। रितेश ने अपने दम पर सबसे कम उम्र के अरबपति का खिताब हासिल किया है।

मिडिल मारवाड़ी फैमिली से हैं रितेश
रितेश एक मिडिल क्लास मारवाड़ी फैमिली से हैं। ओडिसा कटक में पले-बढ़े हैं। 16 नंवबर 1993 को जन्में रितेश ने बहुत कम उम्र में बिजनेस शुरू करने की सोच ली थी। रितेश ने बिजनेस करने की पढ़ाई भी नहीं की है लेकिन कंपनी को आज इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचाया है। रितेश के परिवार की फाइनेंशियल कंडीशन उतनी अच्छी नहीं थी। ऐसे में रितेश ने कम उम्र से ही बिजनेस में जाने की सोची और ओरोवेल नाम की एक कंपनी शुरू कर दी। आज यही कंपनी ओये रूम्स (On Your Owns) नाम से जानी जाती है।

18 साल की उम्र में शुरू की बेवसाइट
रितेश 18 साल के थे जब उन्होंने कम से कम दाम में कमरे बुक करने की एक ऑनलाइन वेबसाइट शुरू की। हालांकि एक समय ऐसा भी था जब रितेश को इंजीनियरिंग करनी थी, लेकिन घर की हालत देख उन्होंने पैसे कमाने की सोची। आज रितेश अकेले के दम पर खड़ी की गई सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली स्टार्टअप कंपनी के मालिक हैं।

रितेश में सिम कार्ड्स तक बेचे हैं
रितेश की स्ट्रगल भी कम नहीं रही है घर से दूर ओडिशा शहर में पैसे मैनेज करने के लिए रितेश ने सिम कार्ड्स भी बेचे। हालांकि रितेश डरते थे कि अगर उनकी फैमिली को पता चल गया तो वह उसे घर बुलाकर बैठा लेंगे। ऐसे में उसका एक बड़ा बिजनेस शुरू करने का सपना खत्म हो जाएगा।

होटल में अकाउंटेंट का काम किया
19 साल की उम्र में राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग एक्जाम की तैयारी करते हुए रितेश ने दिल्ली जाने की ठान ली। रितेश ने दिल्ली में एक होटल में अकाउंटेंट का काम किया ताकि वह लोगों के बजट में रूम लेने और होटल्स के सिस्टम को समझ सके। इस तरह रितेश ने ओरेवल को ओयो रूम्स में बनाने की पूरी स्ट्रेटजी अकेले ही बनाई और सीखी भी।

हाउसकीपिंग से लेकर सीईओ तक का काम किया
रितेश ने जब गुड़गांव में पहला होटल खोला तो उसमें हाउसकीपिंग, सेल्स से लेकर सीईओ तक का काम करते थे। ओयोरूम्स का ड्रेस पहनकर ड्यूटी करते और कस्टमर को कमरा दिखाते। उन्हें कई बार टिप मिली और कमरे से भी निकाला गया, लेकिन कस्टमर के साथ हमेशा अच्छे से पेश आए।

बिजनेस के लिए छोड़ दिया कॉलेज
बिजनेस के लिए रितेश ने कॉलेज छोड़ दिया और 2012 में ओरेवल कंपनी को शुरू कर दिया। इसमें लोगों के बजट के हिसाब से रूम बुक और उपलब्ध करवाए जाते थे। साल 2013 में रितेश ने होटल और रूम बुकिंग में फैमिलिटीज की कमी देखते हुए कम पैसों में रूम्स उपलब्ध करवाने की स्कीम पर काम किया। आपको बता दें कि कपल्स को रूम्स मिलने में जो परेशानियां आती है उसको भी ओयो रूम्स में पूरा ध्यान रखा जाता है इसलिए ओयो रूम्स कपल्स के लिए पूरी तरह लीगल हैं।  

बाकी शहरों में खोली फ्रेन्चाइजी
रितेश ने ओयो रूम्स को शुरू करने के बाद बाकी शहरों में इसकी फ्रेन्चाइजी भी खोली। आज देश भर में दूसरे शहर में ओयो रूम्स अबेलेवल हैं। इतना ही नहीं कंपनी का बजट बढ़ता गया तो गुरूग्राम से मनीश सिन्हा को रितेश ने अपनी कंपनी का को-फाउंडर भी रखा। 22 साल की उम्र में ही रितेश ने ओयो रूम्स को हर दूसरे शख्स की जुबान पर ला दिया। साल 2014 में कंपनी ने करीब 4 करोड़ तक वेंचर पार्टनर्स बढ़ा लिए। आज ओयो रूम्स सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी है।

बिजनेसमैन के अलावा किताब भी लिखी
इतना ही नहीं रितेश बिजनेस के अलावा लेखन में भी फेमस हैं। वह शोर्ट स्टोरीज लिखते हैं। “Kaleidoscope” नमा से रितेश की एक किताब है जिसमें करीब 25 स्टोरीज हैं। जिनको कुछ को अवॉर्ड मिल चुके हैं। इसके अलावा रितेश को घूमने और बास्केटबॉल खेलने का भी शौक है। कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्डस के साथ रितेश देश के बड़े अमीर बिजनेसमैन में जगह रखते हैं।

Share this article
click me!