पश्चिमी देशों ने भारत को आंख दिखाया तो रूस ने दी बिग डील, तेल टैंकर्स के लिए लीज पर देगा बड़ी क्षमता वाले शिप

रूसी दूतावास ने बताया कि बीते आठ महीनों में भारत में रूस से तेल निर्यात काफी बढ़ा है। भारत में रूसी तेल निर्यात बढ़कर 16.35 मिलियन टन हो गया है। रूस से तेल शिपमेंट के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 11, 2022 3:07 PM IST

Russia offers help to cap Oil prices: तेल कीमतों पर लगाम लगाने के लिए रूस ने भारत को मदद की पेशकश की है। दरअसल, रूस से तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों ने भारत पर इंश्योरेंस सर्विस व टैंकर चार्टरिंग पर प्रतिबंध लगा दी है। रूस ने भारत को बड़ी क्षमता वाले शिप को लीज पर देने और उनके निर्माण में सहयोग के लिए प्रस्ताव दिया है। दोनों देशों के राजदूतों ने तेल संकट पर दो दिन पहले बातचीत की थी। 

नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने दी जानकारी

नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने कहा कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में इंश्योरेंस सर्विसेस और टैंकर चार्टरिंग पर बैन लगा दिया है। भारत इनकी इंश्योरेंस सर्विसेस और टैंकर चार्टरिंग पर निर्भर न रहे इसके लिए रूस मदद को तैयार है। दूतावास ने बताया कि रूस के उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने भारत के राजदूत से शुक्रवार को मुलाकात की थी। रूसी उप प्रधानमंत्री ने भारत को बड़ी क्षमता वाले शिप को लीज पर देने और उसके निर्माण में सहायता करने की पेशकश की है। रूस के सहयोग से भारत की निर्भरता पश्चिमी देशों पर नहीं रहेगी और वह आत्मनिर्भर होकर तेल के आयात पर स्वतंत्र होगा। एलेक्जेंडर नोवाक ने शुक्रवार को मास्को में भारतीय राजदूत पवन कपूर के साथ मीटिंग की थी।

भारत में रूसी तेल का निर्यात बढ़ा, पश्चिमी देश हैं खफा

रूसी दूतावास ने बताया कि बीते आठ महीनों में भारत में रूस से तेल निर्यात काफी बढ़ा है। भारत में रूसी तेल निर्यात बढ़कर 16.35 मिलियन टन हो गया है। रूस से तेल शिपमेंट के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। हालांकि, यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से पश्चिमी देश भारत के इस कदम से काफी नाराज हैं। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदना जारी रखने के भारत के कदम की आलोचना की है। हालांकि, दूसरी ओर भारत ने दोनों देशों से शांति वार्ता करने का आह्वान करते हुए अपने देशहित में निर्णय लेने की बात कही है। भारत ने अपने नागरिकों के हित में तेल खरीदना जारी रखने के लिए बेहतर डील की बात कही है।

संसद में भी विदेश मंत्री ने कहा-देशहित में बेस्ट डील की पॉलिसी

रूस से तेल खरीदना जारी रखने पर जोर देते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बीते सात दिसंबर को संसद में बताया था कि सरकार, भारतीय नागरिकों के हित में बेस्ट डील पॉलिसी पर विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि सरकार, भारतीय कंपनियों को रूस से तेल खरीदने के लिए कोई दबाव नहीं बनाती न ही उनको वहां से तेल खरीदने के लिए कहती है लेकिन भारतीय लोगों के हित में बेस्ट डील की एक बेहतर पॉलिसी को जारी रखने के लिए रोकेंगे नहीं। एस.जयशंकर ने कहा कि हम अपनी कंपनियों से रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते हैं। हम अपनी कंपनियों से तेल खरीदने के लिए कहते हैं। अब यह वह तय करते हैं कि उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है। बाजार में तेजी पर निर्भर करता है कि वह कहां से बेस्ट डील पाएं। उन्होंने कहा कि सरकार बस यही चाहती है कि भारतीय कंपनियां, यहां के लोगों व कंपनी हित में काम करें, उन पर कोई दबाव हम नहीं बना रहे हैं।

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