टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2022 में 1,03,546 लोगों को नौकरी दी है। जबकि वित्त वर्ष 2021 में कंपनी ने 40,000 से ज्यादा लोगों को नियुक्त किया। कंपनी ने चौथी तिमाही में 35,209 कर्मचारियों नौकरी दी है जोकि कंपनी की ओर से किसी भी तिमाही में सबसे ज्यादा है।
बिजनेस डेस्क। भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2022 में 1,03,546 लोगों को नौकरी दी है। जबकि वित्त वर्ष 2021 में कंपनी ने 40,000 से ज्यादा लोगों को नियुक्त किया। कंपनी ने चौथी तिमाही में 35,209 कर्मचारियों नौकरी दी है जोकि कंपनी की ओर से किसी भी तिमाही में सबसे ज्यादा है। वहीं कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 70 हजार से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी दी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कंपनी ने इस बारे में क्या कहा।
78 हजार फ्रेशर्स को दिया मौका
वित्त वर्ष 2022 में टीसीएस ने 78,000 फ्रेशर्स को शामिल किया, जो पिछले साल 40,000 से ज्यादा था। हालांकि, एट्रिशन फर्म के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। तिमाही में कंपनी का एट्रिशन बढ़कर 17.4 फीसदी हो गया, जो साल की शुरुआत में 8.6 फीसदी और दिसंबर 2021 तिमाही में 11.9 फीसदी था। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने नोट में कहा कि प्रतिभा की कमी जारी रहने की संभावना है, क्योंकि उद्योग ने रिकॉर्ड संख्या में फ्रेशर्स जोड़े हैं। नोट में कहा गया है, "हम उम्मीद करते हैं कि कंपनियों की मजबूत हायरिंग योजनाओं को देखते हुए वित्त वर्ष 2023 के दूसरे हाफ में एट्रिशन कम होना शुरू हो जाएगा और कम हो जाएगा। वित्त वर्ष के अंत में कंपनी की कुल कर्मचारी संख्या 592195 थी। हालांकि कंपनी नए सिरे से सप्लाई आपूर्ति को देखते हुए सप्लाई पक्ष की चुनौतियों का समाधान करने के लिए आश्वस्त है।
यह भी पढ़ेंः- TCS Q4 Result: कंपनी का रेवेन्यू 50 हजार करोड़ रुपए के पार, प्रोफिट 10 हजार करोड़ रुपए से कम
50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रेवेन्यू
वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में टीसीएस ने 50,591 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जेनरेट किया है। जो साल-दर-साल 15.8 फीसदी ज्यादा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 में 191754 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया है। जो साल-दर-साल 16.8 फीसदी अधिक है। कंपनी ने 3.5 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड वृद्धिशील रेवेन्यू जेनरेट किया है। अगर बात ऑर्डर बुक की करें तो कंपनी ने चौथी तिमाही में 11.3 बिलियन डॉलर और पूरे वित्त वर्ष में 34.6 बिलियन डॉलर ऑर्डर बुक देखने को मिला है।