कनाडा में भारतवंशियों ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत, ब्रिटिश कोलंबिया चुनाव में ये 8 पंजाबी बने विधायक

शनिवार को हुए चुनाव में भारतीय मूल के 27 उम्मीदवार थे जिनमें से 22 पंजाबी थे। 87 सदस्यीय सदन में 55 सीटों के साथ न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। भारतीय-कनाडाई की ज्यादातर जीतें भारतीय-प्रभुत्व वाले शहर सरे में हुई, जो वैंकूवर के बाहरी इलाके में स्थित है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2020 12:12 PM IST / Updated: Oct 26 2020, 05:58 PM IST

करियर डेस्क.  ब्रिटिश कोलंबिया के प्रोविंशियल इलेक्शन (Provincial Elections of British Columbia) में इस बार ऐतिहासिक परिणाम रहा। शनिवार देर रात घोषित चुनावी रिजल्ट में पंजाब मूल के 8 कनाडाई नागरिकों (Eight Canadian citizens of Punjab origin) को जीत मिली है। सभी 8 विजेता सत्तारूढ़ न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं। भारतीय-कनाडाई विजेताओं में तीन महिलाएं भी शामिल हैं। यहां हम आपको इन सभी MLA के बारे में बता रहे हैं। 

शनिवार को हुए चुनाव में भारतीय मूल के 27 उम्मीदवार थे जिनमें से 22 पंजाबी थे। 87 सदस्यीय सदन में 55 सीटों के साथ न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। भारतीय-कनाडाई की ज्यादातर जीतें भारतीय-प्रभुत्व वाले शहर सरे में हुई, जो वैंकूवर के बाहरी इलाके में स्थित है।

3 महिओं को मिली जीत

महिला विजेताओं में जेनी सिम्स उर्फ जोगिंदर कौर ने सरे-पैनोरमा में विपक्षी कैंडिडेट डॉ. गुलजार चीमा को हराया। वे जालंधर के पास पाबवान गांव में जन्मी हैं और वे नौ साल की उम्र में कनाडा आ गई थी।

रचना सिंह (Rachana Singh MLA) 

सत्तारूढ़ पार्टी के रचना सिंह ने लिबरल पार्टी के दिलराज अटवाल को हराकर अपनी सरे-ग्रीन टिम्बर्स सीट को बरकरार रखा। सत्तारूढ़ एनडीपी की निक्की शर्मा वैंकूवर-हेस्टिंग्स में जीतीं हैं। जालंधर के सहगल परिवार की बहू रचना सिंह सहगल कनाडा की धरती पर दूसरी बार जीत का परचम लहराकर MLA बनी हैं। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) से जुड़ी रचना सहगल इससे पहले 2017 में एमएलए चुनी गई थीं। इस दौरान बेहतर परफार्मेंस और लोगों के जुड़ाव के चलते रचना ने दूसरी बार जीत दर्ज की है। इससे जालंधर हाइट्स स्थिति रचना के परिजनों में भारी उत्साह है।

 

 

अमन सिंह (Aman Singh) 

वहीं विजेताओं में से मानवाधिकार वकील अमन सिंह ने ब्रिटिश कोलंबिया में पहली बार पगड़ीधारी सिख विधायक बनकर इतिहास रचा। इससे पहले, इस प्रांत में पहली बार 1986 में एक विधायक के रूप में पंजाबी मोए सिहोटा और 2001 में एक सिख उज्ज्वल दोसांझ विधायक के रूप में चुने गए थे।

रिचमंड-क्वींसबोरो में अमन सिंह ने बड़ा उलटफेर किया। यहां उन्होंने  विपक्षी लिबरल पार्टी के पूर्व पत्रकार जैस जौहल को हराया है।

 

 

हैरी बैंस (Harry Bains MLA) 

जीतने वाले कैंडिडेट्स में लेबर मिनिस्टर हैरी बैंस, डिप्टी स्पीकर राज चौहान, पूर्व मंत्री जिनी सिम्स, संसदीय सचिव जगरूप ब्रार और रवि कहलों शामिल हैं। बैंस ने लिबरल पार्टी के पॉल बोपाराय को हराकर सरे-न्यूटन की अपनी सीट बरकरार रखी। बता दें कि जालंधर के पास हरदासपुर गांव से आने वाले हैरी बैंस 2005 से यह सीट जीत रहे हैं।

 

 

एडमंड्स से जीते राज चौहान (Raj Chauhan) 

उप-सभापति राज चौहान ने भी लिबरल पार्टी के तृप्त अटवाल और ग्रीन पार्टी के इकबाल पारेख को हराकर बर्नाबी-एडमंड्स की अपनी सीट बरकरार रखी। चौहान 1973 में छात्र के रूप में पंजाब से कनाडा आए थे। एक पूर्व भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी, ब्रार ने 2004 से अब तक पांच बार ये सीट जीती है। जीतने वाले पांचवें इंडो-कनाडाई व्यक्ति सत्तारूढ़ एनडीपी के रवि काहलों हैं। उन्होंने ग्रीन पार्टी के अल्मोड़ा में जन्मी नीमा मनराल और लिबरल पार्टी के जेट सनर को हराया है।

 

 

इस चुनाव के अंतिम परिणाम 11 नवंबर के बाद आएंगे क्योकि अभी एडवांस पोलिंग की गणना नहीं हुई है।

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