सार
CBSE Board Exam 2025: CBSE ने बोर्ड परीक्षाओं में कई बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य छात्रों की शिक्षा को और दिलचस्प बनाना है। इंदौर में एक प्रिंसिपल्स समिट के दौरान CBSE भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार अग्रवाल ने बताया कि 2025 के लिए कक्षा 10 और 12 के पाठ्यक्रम में 15% तक की कमी की जा रही है। इसका मुख्य मकसद यह है कि छात्र गहराई से पढ़ाई करें और सिर्फ रटने तक सीमित न रहें। इस फैसले से छात्रों को सिलेबस को अधिक गहराई से पढ़ने का मौका मिलेगा और वे विषयों को समझने में और बेहतर बन सकेंगे। जानें बड़े बदलावों के बारे में।
अब 40% इंटरनल असेसमेंट से बनेगी ग्रेड
बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट का महत्व बढ़ा दिया है, जिसके तहत अब 40% ग्रेड इंटरनल असेसमेंट से आएंगे और 60% ग्रेड फाइनल बोर्ड परीक्षा के आधार पर होंगे। इंटरनल असेसमेंट में प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और समय-समय पर लिए जाने वाले टेस्ट शामिल होंगे। इससे छात्र अपनी पढ़ाई में स्थिरता बनाए रख सकेंगे और अपनी समझ को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर सकेंगे।
प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा जोर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार, CBSE अब परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव कर रहा है। 2025 के बोर्ड परीक्षा में लगभग 50% सवाल छात्रों की प्रैक्टिकल जानकारी और स्किल को चेक करने के लिए होंगे। यानी सवाल अब सिर्फ थ्योरी पर नहीं होंगे, बल्कि रोजमर्रा के जीवन में ज्ञान के इस्तेमाल पर होंगे। इससे छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को बढ़ावा मिलेगा, और वे रटने के बजाय गहराई से समझ पाएंगे।
डिजिटल मूल्यांकन और ओपन-बुक परीक्षा का आगाज
CBSE कुछ विषयों में आंसरशीट के डिजिटल मूल्यांकन को भी जारी रखेगा, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सटीक होगी। साथ ही, CBSE अंग्रेजी साहित्य और समाजशास्त्र जैसे विषयों के लिए ओपन-बुक एग्जाम शुरू करने की योजना बना रहा है। इसका मतलब है कि परीक्षा में छात्र अपनी किताबें साथ ला सकेंगे और अपने उत्तरों में विश्लेषणात्मक कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे। यह बदलाव छात्रों को कॉन्सेप्ट्स को समझने और उनका प्रैक्टिकल इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
2026 से दो-टर्म एग्जाम फॉर्मेट
2025 में CBSE एक ही टर्म में परीक्षा आयोजित करेगा, लेकिन 2025-26 सत्र से दो-टर्म एग्जाम फॉर्मेट की वापसी की योजना है। यह मॉडल छात्रों को बार-बार आकलन का मौका देगा, जिससे उन्हें अपने प्रगति का जायजा लेने और तैयारी में सुधार का अवसर मिलेगा। इस प्रणाली से छात्र एक ही परीक्षा पर निर्भर न रहकर पूरे साल अपनी पढ़ाई को बैलेंस कर सकेंगे।
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए मुख्य बदलाव
- 15% सिलेबस में कमी: छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करते हुए 15% तक सिलेबस कम किया गया है।
- 40% इंटरनल असेसमेंट: कुल ग्रेड का 40% अब प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और पीरियॉडिक टेस्ट से निर्धारित होगा।
- प्रैक्टिकल आधारित प्रश्न: लगभग 50% प्रश्न प्रैक्टिकल ज्ञान पर आधारित होंगे, ताकि छात्र अपने ज्ञान को वास्तविक जीवन में लागू कर सकें।
- डिजिटल मूल्यांकन: कुछ विषयों में डिजिटल मूल्यांकन जारी रहेगा ताकि अधिक सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
- ओपन-बुक परीक्षा: अंग्रेजी साहित्य और समाजशास्त्र जैसे विषयों के लिए ओपन-बुक परीक्षा प्रारूप शुरू होगा।
- एक-टर्म परीक्षा प्रारूप (2025), दो-टर्म परीक्षा (2026 से): 2025 में एक टर्म फॉर्मेट रहेगा, लेकिन 2026 से दो-टर्म प्रारूप लागू होगा।
इस बदलाव से छात्रों को क्या होगा फायदा
CBSE के ये बदलाव छात्रों के लिए नई संभावनाओं का दरवाजा खोलते हैं। इसके जरिए छात्र सिर्फ रटने के बजाय समझ पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। आंतरिक मूल्यांकन, प्रैक्टिकल ज्ञान और ओपन-बुक परीक्षा जैसे उपाय छात्रों को शिक्षण में वैश्विक ट्रेंड्स से जोड़ेंगे और उच्च शिक्षा के लिए भी बेहतर तैयारी कराएंगे। इस नए बदलाव के साथ, CBSE का उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर, क्रिटिकल थिंकर और प्रभावी समस्या-सुलझाने वाला बनाना है, जिससे वे न केवल परीक्षा में बल्कि वास्तविक जीवन में भी सफल हो सकें।
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