क्या आप जानते हैं "सूप बोले तो बोले, चलनी क्या बोले जिसमें सत्तर छेद" का मतलब?

Hindi Muhavare: रोज़मर्रा की बातचीत और प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आने वाले कठिन मुहावरों के अर्थ और उनके प्रयोग जानें। इन मुहावरों को समझकर अपनी भाषा क्षमता बढ़ाएँ और परीक्षा में सफलता प्राप्त करें।

Hindi Muhavare: मुहावरे हमारी भाषा का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और इनका उपयोग हम रोजमर्रा की बातचीत में करते हैं। ये न केवल संवाद को रोचक बनाते हैं, बल्कि किसी भी विचार या भावना को अधिक प्रभावी तरीके से व्यक्त करने में मदद करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर कठिन मुहावरों को पूछा जाता है, जिनके सही अर्थ और प्रयोग को समझना बहुत जरूरी होता है। ऐसे मुहावरे, जो प्रायः क्षेत्रीय या पारंपरिक होते हैं, न केवल भाषा के ज्ञान को बढ़ाते हैं बल्कि परीक्षा में सफलता पाने के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। जानिए कुछ ऐसे कठिन और प्रचलित मुहावरों के अर्थ और उनके विस्तृत प्रयोग को, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में आमतौर पर पूछे जाते हैं। इन मुहावरों को जानने और समझने से आपकी भाषा क्षमता मजबूत होगी और आप बेहतर तरीके से सवालों का उत्तर दे पाएंगे।

मुहावरा- "सूप बोले तो बोले, चलनी क्या बोले जिसमें सत्तर छेद"

मुहावरे का अर्थ: खुद दोषी होकर दूसरों की आलोचना करना। यह मुहावरा उन लोगों पर लागू होता है जो खुद में खामियां होने के बावजूद दूसरों पर उंगली उठाते हैं।

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मुहावरा- "रात गई, बात गई"

मुहावरे का अर्थ: बीती बातों को भूल जाना। यह मुहावरा उस मानसिकता को दर्शाता है जब लोग पुरानी बातों को याद रखने के बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

मुहावरा- "रस्सी जल गई, पर बल नहीं गया"

मुहावरे का अर्थ: हारने के बाद भी घमंड या स्वभाव नहीं बदलना। जब कोई व्यक्ति अपनी शक्ति या प्रतिष्ठा खो देता है, लेकिन उसका अहंकार या जिद्दी स्वभाव वही बना रहता है।

मुहावरा- "ख्याली पुलाव पकाना"

मुहावरे का अर्थ: असंभव सपने देखना। जब कोई व्यक्ति बिना वास्तविकता को देखे बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाता है, तो यह मुहावरा लागू होता है।

मुहावरा- "दिन में तारे नजर आना"

मुहावरे का अर्थ: अत्यधिक मुश्किल या दर्दनाक स्थिति में होना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक पीड़ा या कठिनाई का सामना करता है।

मुहावरा- "छत्तीस का आंकड़ा होना"

मुहावरे का अर्थ: आपसी मनमुटाव या शत्रुता। जब दो लोग या पक्ष एक-दूसरे से सहमत नहीं होते और लगातार मतभेद रखते हैं, तो यह मुहावरा उपयोग होता है।

मुहावरा- "अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है"

मुहावरे का अर्थ: अपने क्षेत्र में हर कमजोर व्यक्ति भी ताकतवर बन जाता है। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति केवल अपने क्षेत्र या स्थिति में मजबूत महसूस करता है।

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