आईआईटी गांधीनगर के असिस्टेंट प्रोफेसर ने पीएचडी स्कॉलर्स की दो डेस्क की तस्वीर शेयर की है। तस्वीर ट्विटर पर वायरल हो रही है और दावा किया जा रहा है कि यह छात्रों के व्यक्तित्व को दर्शाती है, जिनका टारगेट समान है।
एजुकेशन डेस्क। आईआईटी गांधीनगर यानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर के असिस्टेंट प्रोफेसर धीरज भाटिया ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है, जो खूब वायरल हो रही है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर हैंडल से धीरज भाटिया ने जिन दो तस्वीरों को पोस्ट किया है, वो आईआईटी गांधीनगर के दो पीएचडी स्कॉलर्स की हैं। ये तस्वीरें एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।
उन्होंने आईआईटी गांधीनगर में पीएचडी छात्रों की लाइफ और वर्किंग स्टाइल को लेकर एक झलक शेयर की है। धीरज भाटिया की इस ट्विटर पोस्ट में दो पीएचडी स्कॉलर्स की डेस्क दिखाई गई है। एक डेस्क जितनी साफ हो सकती है, तो दूसरी इसके विपरित जितनी अस्त-व्यस्त रखी जा सकती है। इस दिलचस्प पोस्ट के जरिए धीरज भाटिया ने वहां पढ़ने वाले लोगों के अलग-अलग वर्किंग स्टाइल और काम के तरीकों तथा सभ्यता को शेयर किया है। दो दिन पुरानी इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, लैब में छात्रों की 2 वर्किंग बेंच।
"जिस पल आप केबिन में गए और जब आप काम खत्म कर लौटे.."
धीरज भाटिया का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर यूजर्स का ध्यान अपनी ओर से खींच रहा है। एक यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा, मुझे हैरानी हो रही है कि काम करने के लिए छात्रों को ऐसी जगह दी जाती है। इस यूजर के कमेंट पर असिस्टेंट प्रोफेसर ने लिखा, ये छोटे कैबिनेट, सिटिंग बेंच हैं, जो संस्थान की ओर से पीएचडी कर रहे सभी छात्रों को आवंटित किए जाते हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा, मुझे हमेशा लगता था कि मेरी वर्किंग टेबल गंदी रहती है, मगर अब ऐसा नहीं लग रहा। इस पर धीरज भाटिया ने कहा, मेसियर द बेटर। वहीं, पीएचडी स्कॉलर होने का दावा कर रहे एक अन्य यूजर ने लिखा, जिस पल आप केबिन में पहुंचे और दूसरी तस्वीर, जिस पल आप लैब यानी केबिन से बाहर निकले। शिक्षा जगत में आपका स्वागत है। इस पोस्ट को 60 हजार से अधिक यूजर्स ने देखा है, जबकि लगभग साढ़े पांच सौ यूजर्स ने इसे पसंद किया है।
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