पंजाब चुनाव: रामरहीम के आते ही इलेक्शन मोड में डेरा सच्चा सौदा, बाबा का जल्द ऐलान- किस पार्टी को करेंगे सपोर्ट

Published : Feb 09, 2022, 02:24 PM IST
पंजाब चुनाव: रामरहीम के आते ही इलेक्शन मोड में डेरा सच्चा सौदा, बाबा का जल्द ऐलान- किस पार्टी को करेंगे सपोर्ट

सार

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जल्द ही सिरसा पहुंचने वाला है। दूसरी ओर पंजाब की कई राजनीतिक पार्टियां डेरा का समर्थन हासिल करने के लिए कमेटी के संपर्क में हैं। गुरमीत के नजदीक रिश्तेदार हरमिंदर जस्सी तलवंडी यहां साबो से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। 

चंडीगढ़। रेप और हत्या जैसे तीन मामलों में दोषी गुरमीत राम रहीम के जेल से पैरोल पर बाहर आते ही डेरा सच्चा सौदा सिरसा की सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। गुरमीत अभी गुड़गांव में है। वहां पर उससे मिलने के लिए डेरा के लोग जा रहे हैं। डेरा की राजनीतिक विंग भी सक्रिय हो गई है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में कमेटी यह तय कर लेगी कि पंजाब चुनाव में समर्थन देना किसे है? इसको लेकर राजनीतिक शाखा ने कुछ समय गुरमीत से मांगा था। 

डेरा प्रमुख भी जल्दी सिरसा पहुंचने वाला है। दूसरी ओर पंजाब की कई राजनीतिक पार्टियां डेरा का समर्थन हासिल करने के लिए कमेटी के संपर्क में हैं। गुरमीत के नजदीक रिश्तेदार हरमिंदर जस्सी तलवंडी यहां साबो से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके समर्थन में डेरा प्रेमी लगातार प्रचार अभियान चला रहे हैं। डेरा से नेता समर्थन चाह रहे, लेकिन पर्दे के पीछे से पंजाब के ज्यादातर दल डेरा का समर्थन चाह रहे हैं। लेकिन यह समर्थन वह पर्दे के पीछे से चाह रहे हैं। इसकी वजह यह है कि जट सिख और सिख मतदाता डेरा के खिलाफ है। क्योंकि डेरों के समर्थक शेड्यूल समुदाय से हैं। 

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गुरमीत के खिलाफ रहते हैं जट सिख और सरदार डेरे
दूसरी वजह यह है कि गुरमीत राम रहीम पर बेअदबी के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए सिख, जट सिख और सरदार डेरे के खिलाफ रहते हैं। यदि डेरा का समर्थन कोई दल लेता है तो जटसिख और सिख वोटर के नाराज होने का भय बना रहता है। इसलिए संतुलन साधने के लिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है। इसलिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की छुट्टी का खुलकर स्वागत करने के लिए राजनेता नहीं आ रहे थे। 

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डेरा का समर्थन इसलिए चाहिए 
पंजाब में 2.12 करोड़ मतदाता हैं। 25 प्रतिशत लोग डेरे से जुड़े हुए हैं। प्रदेश में 12 हजार 581 गांव हैं। यहां 1.13 डेरों की शाखाएं हैं। जाहिर है कि डेरा का झुकाव जिस ओर भी हो जाएगा, उस पार्टी के लिए जीत का गणित आसान हो सकता है। जाहिर है इतनी संख्या में आसानी से वोट मिल सकते हैं। इसलिए डेरा को साधना हर दल की कोशिश रहती है। 

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भाजपा ने बनाई रणनीति 
डेरे को साधने के लिए भाजपा ने रणनीति बनाई है। गुरमीत राम रहीम को पैरोल देना इसी कड़ी का हिस्सा है। इसके साथ ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल उन इलाकों में प्रचार करेंगे, जहां-जहां डेरा का प्रभाव है। कुल मिला कर डेरों को साधन के लिए  पंजाब के सियासी दल अब सक्रिय हो गए हैं। देखने लायक बात यह होगी कि कौन सा दल डेरा को साध पाता है।

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