एक Bitcoin की कीमत पहुंची 20 लाख रुपए के करीब, रातोंरात करोड़पति बना रहा है क्रिप्टोकरंसी में निवेश
बिजनेस डेस्क। क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) की तरफ निवेशकों का झुकाव बढ़ता जा रहा है। जो लोग रातोंरात करोड़पति बनना चाहते हैं, उनके लिए इस क्रिप्टोकरंसी में निवेश कारगर साबित हो रहा है। इसकी वजह यह है कि हाल ही में बिटकॉइन ने एक बार फिर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस डिजिटल करंसी ने 26,900 डॉलर का नया ऑलटाइम हाई बनाया है। इससे तत्काल मुनाफे के लिए निवेशक इसकी तरफ रुख कर रहे हैं। क्रिप्टोकरंसी में आई इस तेजी से एक बिटकॉइन की कीमत करीब 19.90 लाख रुपए हो गई है।
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इस समय दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। इस वजह से इसकी कीमत में तेजी से उछाल आ रहा है। बता दें कि नवंबर महीने में बिटकॉइन का भाव 18 हजार डॉलर के स्तर को पार चुका था। (फाइल फोटो)
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) एक्सचेंज Binance पर बिटकॉइन 26,9000 डॉलर के हाई पर पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में इसमें करीब 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। सिर्फ 1 साल यानी 2020 में इस क्रिप्टोकरंसी में 271 फीसदी का उछाल आया है। (फाइल फोटो)
यह माना जा रहा है कि भारत में इस समय करीब 50 से 60 लाख तक लोग बिटकॉइन (Bitcoin) में इन्वेस्ट कर रहे हैं। आने वाले समय में इसकी कीमत में और भी उछाल देखने को मिल सकता है। (फाइल फोटो)
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल 2030 तक बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। CoinDCX के मुताबिक, मांग में तेजी की वजह से 2021 में बिटकॉइन की कीमतों में और भी इजाफा हो सकता है। (फाइल फोटो)
क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) होती है। यह ब्लॉकचेन (Blockchain) तकनीक पर बेस्ड होती है। इस करंसी में कोडिंग और डिकोडिंग (Coding and Decoding) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। (फाइल फोटो)
कोडिंग और डिकोडिंग (Coding and Decoding) तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरंसी के ट्रांजैक्शन का पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है। इसे हैक करना आसान नहीं है। यही वजह है कि इस क्रिप्टोकरंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है। क्रिप्टोकरंसी किसी भी केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होती है। इसमें पूरा रिस्क निवेशकों का होता है। यह इसकी सबसे बड़ी कमी है। (फाइल फोटो)
बिटकॉइन में ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर एक जैसी रहती है। दुनियाभर की मार्केट गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती-बढ़ती रहती है। यह डिजिटल नियंत्रण (Digitally controlled currency) वाली करंसी है। बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई तय समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है। (फाइल फोटो)