केंद्र सरकार Cryptocurrency को बैन करने के साथ एक्सचेंज IP ऐड्रेस को करेगी ब्लॉक, जानें डिटेल्स
बिजनेस डेस्क। भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने यह घोषणा की थी कि वह हर तरह की क्रिप्टोकरंसी पर पाबंदी लगाएगी। इसके अलावा, देश की अपनी डिजिटल करंसी लाने की बात कही गई थी। इस बीच, जानकारी मिली है कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) क्रिप्टोकरंसी में कारोबार करने वाली फर्मों और एक्सचेंज के इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) ऐड्रेस को ब्लॉक करने की योजना बना रही है। अगर यह फैसला लिया जाता है, तो आने वाले समय में केंद्र सरकार ऐसे सभी IP ऐड्रेस को ब्लॉक कर देगी, जिनके जरिए भारत में क्रिप्टोकरंसी का ट्रांजैक्शन हो रहा है। जानें इसके बारे में डिटेल्स।
(फाइल फोटो)
इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) ऐड्रेस को ब्लॉक करने के बारे में जानकारी ऐसे समय में सामने आ रही है, जब पहले ही यह रिपोर्ट सामने आ चुकी है कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरंसी को लेकर सख्त नियम बना रही है। सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरंसी और रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल 2021 को संसद में पेश करने वाली है। (फाइल फोटो)
क्रिप्टोकरंसी को लेकर भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है। लेकिन इस बात में दो राय नहीं है कि सरकार क्रिप्टोकरंसी को लेकर सख्त रवैया अपना रही है। इसकी वजह यह है कि वह अपनी डिजिटल करंसी लाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। (फाइल फोटो)
सरकार के इस कदम से क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वाले लोग परेशानी में फंस गए हैं। जानकारी के मुताबिक, भारत में लाखों की संख्या में लोग क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते हैं। इसमें रिस्क होने के बावजूद मुनाफा बहुत ज्यादा है। लेकिन जब आईपी ऐड्रेस ब्लॉक कर दिए जाएंगे, तब लोगों के लिए इसमें निवेश कर पाना मुश्किल हो जाएगा। (फाइल फोटो)
जानकारी के मुताबिक, कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने चंद एडल्ट साइट्स और चीनी साइट्स के आईपी ऐड्रेस को ब्लॉक करने की कोशिश की थी। जानकारों का मानना है कि आने वाले कुछ समय में सरकार क्रिप्टोकरंसी में निवेश के सभी प्लेटफॉर्म्स और सोर्स को बंद कर देगी। इससे भारत में क्रिप्टोकरंसी में किसी करह की माइनिंग, ट्रेडिंग और करंसी ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार बहुत जल्द क्रिप्टोकरंसी के खिलाफ बिल लाने जा रही है। सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत है, इसलिए क्रिप्टोकरंसी के विरुद्ध कानून बनाने में सरकार को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। अगर ऐसा कानून बन जाता है, तो भारत क्रिप्टोक्यूरेंसी को अवैध घोषित करने वाला पहला देश होगा। चीन में भी क्रिप्टोकरंसी के माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध है। (फाइल फोटो)
भारत में क्रिप्टोकरंसी रखना भी अपराध होगा। इसके सभी ट्रेडिंग एक्सचेंज प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे। क्रिप्टोकरंसी को रखने और बेचने को अपराध माना जाएगा और इस पर कानूनी कार्रवाई होगी। क्रिप्टोकरंसी रखने और इसका कारोबार करने वालों को जुर्माना के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। (फाइल फोटो)
जानकारी के मुताबिक, देश के 80 लाख निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में 100 अरब रुपए का निवेश कर रखा है। बहरहाल, क्रिप्टोकंरसी को स्टोर करने और ट्रांसफर करने के लिए कई तरीके जैसे VPNs, पीयर-टू-पीयर ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरंसी खरीदने-बेचने के लिए कैश और वॉलेट का उपयोग करते हुए भारत के बाहर 250,000 डॉलर की राशि भेजने की अनुमति दी जाएगी। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार सभी विकल्पों को बंद नहीं करने जा रही है। लोगों को ब्लॉकचेन, बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरंसी के लिए कुछ विंडोज की अनुमति थोड़े समय के लिए दी जाएगी। (फाइल फोटो)