Happy Birthday : किरण मजूमदार शॉ ने बनाई थी 50 हजार करोड़ की कंपनी, कोरोना से निपटने में निभाई भूमिका

बिजनेस डेस्क। आज 23 मार्च को भारत की प्रतिष्ठित महिला उद्योगपति किरण मजूमदार शॉ (Kiran Mazumdar Shaw) का जन्मदिन है। किरण मजूमदार शॉ का जन्म 23 मार्च, 1953 को हुआ था। वे बायोकॉन लिमिटेड (Biocon Limited) की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। यह कंपनी बेंगलुरु में स्थित है। किरण मजूमदार शॉ बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं। उनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। इसके बावजूद उन्होंने अकेले दम बायोकॉन को फार्मा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी बना दिया। आज जन्मदिन पर जानते हैं हम उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में, जो बेहद प्रेरणादायी है।
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2021 8:17 AM IST / Updated: Mar 23 2021, 01:53 PM IST
17
Happy Birthday : किरण मजूमदार शॉ ने बनाई थी 50 हजार करोड़ की कंपनी, कोरोना से निपटने में निभाई भूमिका
जब देश में कोरोना महामारी फैली, तो किरण मजूमदार शॉ भी इसके संक्रमण की शिकार हो गई थीं। बता दें कि इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी थी और यह उम्मीद भी जताई थी कि कोरोना की वैक्सीन साल 2021 तक आ जाएगी। उनकी बात सच साबित हुई और आज भारत में कोरोना की वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। कोरोना से संघर्ष करने में किरण मजूमदार शॉ की बड़ी भूमिका रही है। (फाइल फोटो)
27
यह जान कर किसी को भी हैरानी हो सकती है कि किरण मजूमदार शॉ ने बायोकॉन लिमिटेड की शुरुआत महज 1200 रुपए की पूंजी से की थी। यह आज 50 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा की कंपनी बन चुकी है और अपने क्षेत्र में अव्वल मानी जाती है। इसे आगे बढ़ाने के पीछे किरण मजूमदार शॉ का संघर्ष रहा है। किरण मजूमदार शॉ को उनकी उपलब्धियों के लिए देश-विदेश के कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। (फाइल फोटो)
37
किरण मजूमदार शॉ को भारत सरकार ने पद्मश्री एवं पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया है। इसके अलावा, फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था। वहीं, उन्हें ईवाई (EY) वर्ल्ड आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2020 पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार उन्हें एक वर्चुअल इवेंट में दिया गया। इस मौके पर किरण मजूमदार शॉ ने कहा था कि ईवाई (EY) वर्ल्ड आंत्रप्रेन्योर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए किया जाना चाहिए। बता दें कि किरण मजूमदार शॉ यह पुरस्कार जीतने वाली तीसरी भारतीय हैं। उनसे पहले कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक और इन्फोसिस टेक्नालॉजीज के नारायणमूर्ति को यह पुरस्कार मिल चुका है। (फाइल फोटो)
47
बेंगलुरु के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाली किरण मजूमदार शॉ ने ऑस्ट्रेलिया की फेडेरेशन यूनिवर्सिटी से बिजनेस की पढ़ाई की। साल 1978 में उन्होंने इसी यूनिवर्सिटी से शराब निर्माण में मास्टर्स किया था। बता दें कि एक समय ऐसा भी था कि सिर्फ महिला होने की वजह से भारत की कई कंपनियों ने उन्हें नौकरी देने से इनकार कर दिया था। इसकी एक वजह यह भी थी कि उस समय शराब कंपनियों में महिलाओं की नियुक्ति कम ही होती थी। इसके बाद किरण मजूमदार शॉ ने अपनी कंपनी शुरू करने का निर्णय लिया। (फाइल फोटो)
57
अपनी कंपनी शुरू करने के पहले किरण मजूमदार सॉ स्कॉटलैंड चली गईं। स्कॉटलैंड में दुनिया की कई मशहूर शराब कंपनियां हैं। वहां उन्होंने ब्रूवर कपंनी में नौकरी शुरू की। कुछ साल नौकरी करने के बाद वे वापस भारत लौटीं और बायोकॉन की स्थापना की। (फाइल फोटो)
67
स्कॉटलैंड में काम करने के दौरान ही उनकी मुलाकात आयरलैंड के कारोबारी लेस्ली ऑचिनक्लॉस से हुई। लेस्ली भारत में फार्मा के क्षेत्र में कंपनी खोलना चाहते थे। उनके साथ मिल कर किरण मजूमदार शॉ ने बायोकॉन लिमिटेड की शुरुआत की। (फाइल फोटो)
77
किरण मजूमदार को उनकी उपलब्धियों के लिए ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिकता अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। भारत में उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं। बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौरान किरण मजूमदार शॉ ने इसकी रोकथाम के लिए काफी काम किए और कई तरह से लोगों की मदद की। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि 2020 के अंत या 2021 की शुरुआत में कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। उन्होंने पहले ही यह उम्मीद जताई थी कि कोविड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका या भारतीय वैक्सीन भारत बायोटेक को जनवरी-फरवरी 2021 तक मंजूरी मिल सकती है। (फाइल फोटो)
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos