Jio से डिजिटल किंग बनेंगे मुकेश अंबानी, रिकॉर्ड फंड मिलने के बाद कर्ज मुक्त कंपनी बनी RIL

बिजनेस डेस्क। महज चार साल पहले लॉन्च हुई जियो दुनिया में हर बड़े बिजनेस ग्रुप के लिए इस वक्त फायदे का सौदा है। भारत में जिस तरह कंपनी ने अपनी साख और रिकॉर्ड सब्सक्राइबर्स बनाए हैं, हर बड़ी कंपनी उसमें निवेश पाना चाहती है। फेसबुक के निवेश के बाद जियो में पैसा लगाने के लिए होड़ देखी जा सकती है। निवेश की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत की कर्जमुक्त कंपनी बन गई है। खुद मुकेश अंबानी ने इसका ऐलान किया। उनके ऐलान के बाद स्टॉक मार्केट में RIL के शेयरों में काफी उछाल दिखा। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 19, 2020 6:07 AM IST / Updated: Jun 19 2020, 03:37 PM IST
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Jio से डिजिटल किंग बनेंगे मुकेश अंबानी, रिकॉर्ड फंड मिलने के बाद कर्ज मुक्त कंपनी बनी RIL

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सिर्फ 58 दिनों के अंदर ही जियो की वजह से 168,818 करोड़ रुपये का भारी भरकम फंड जुटा लिया है। इसमें ज्यादा हिस्सा जियो प्लेटफॉर्म में 10 बड़ी कंपनियों के साथ हुई 11 डील की वजह से आया है जो 115,693.95 करोड़ रुपये के निवेश के रूप में जियो को मिला। 

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रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी कंपनी को कर्जमुक्त बनाने की राह पर चल रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म में दुनिया की बड़ी कंपनियों के निवेश के रास्ते खोले और 11 डील की। आरआईएल का राइट इश्यू भी लेकर आए। 
 

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निवेश से कंपनी ने 115,693.95 करोड़ और राइट्स इश्यू से अब तक 53,124.20 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। ये महज 58 दिनों के अंदर भारत की किसी टेलिकॉम कंपनी द्वारा जुटाई गई रिकॉर्ड रकम है। अब तक मिले फंड की वजह से मुकेश अंबानी की आरआईएल कर्ज मुक्त कंपनी बनी है। इसमें कोई शक नहीं कि जियो की वजह से मुकेश अंबानी डिजिटल किंग बनने की भी राह पर हैं। 

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अब तक मुकेश अंबानी जियो की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेच चुके हैं। विदेशी कंपनियों से जियो के डील की शुरूआत इसी साल अप्रैल में फेसबुक के साथ शुरू हुई थी। कंपनी ने फेसबुक को 43,574 करोड़ में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। बाकी 10 डील फेसबुक के बाद हुई। 

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चर्चा यह भी है कि मुकेश अंबानी जल्द ही स्टॉक मार्केट में जियो का आईपीओ भी ला सकते हैं। अमेरिका के रिसर्च ऑर्गनाइजेशन बर्न्सटेन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जियो में इन्वेस्टमेंट की रफ्तार को देखते हुए 5 साल बाद यानी 2015 तक भारत के 50 फीसदी लोग जियो की सेवाओं का इस्तेमाल करेंगे। यह भी कहा कि अंबानी अगले कुछ साल में जियो का आईपीओ ला सकते हैं। 

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अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज पर कर्ज की बात करें तो 31 मार्च 2020 तक कंपनी पर कुल 161,035 करोड़ रुपये कर्ज था। 

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