हताश होकर दी थी यूपीपीएससी की परीक्षा
भानु प्रताप सिंह का कहना है कि तैयारी के दौरान हताशा निराशा आती थी। समाज के लोग कहते थे कि तुमसे नहीं हो पाएगा। एक बार इतना हताश हो गया था कि उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा दी तो वहां भी चयन हो गया था। फिर सोचा कि समाज के लोगों द्वारा कही गयी बातें आपकी योग्यता को परिभाषित नहीं कर सकती। आपको क्या करना है, यह आप तय करते हैं। यदि आपके अंदर यूपीएससी क्रैक करने की क्षमता है तो फिर परीक्षा दो, तो फिर तो फिर यूपीएससी परीक्षा को प्राथमिकता दी। उसी वर्ष 2018 में यूपीएससी में आईआरपीएस काडर भी मिला। वहां से एक साल की छुट्टी लेकर फिर तैयारी की तो वर्ष 2019 में इंडियन ऑडिट एंड एकाउंट सर्विसेज काडर मिला।