दिल्ली में तीसरी बार CM बनने की ओर हैं केजरीवाल, जीत दिलाने के लिए इस शख्स ने रचा था चक्रव्यूह
नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत हुई। बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा वहीं कांग्रेस ने इस बार भी खाता नहीं खोला। दिल्ली में जनता को काम पर वोट कह केजरीवाल ने लोगों का दिल जीतकर पूरा चुनाव अपने पक्ष में कर लिया। हालांकि आम आदमी पार्टी और सीएम केजरीवाल की पूरी चुनावी रणनीति के लिए कोई दूसरा शख्स जिम्मेदार है। इस अनुभवी शख्स की वजह से ही दिल्ली में केजरीवाल को जनता का प्यार मिला है। आइए जानते हैं कि आखिर ये कौन है जिसने दिल्ली में केजरीवाल को एक ब्रांड के तौर पर स्थापित कर दिया।
Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2020 4:29 AM IST / Updated: Feb 11 2020, 08:14 PM IST
इस शख्स का नाम है प्रशांत किशोर जो इस समय अरविंद केजरीवाल के सलाहकार हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में जनता को लुभाने के लिए गारंटी कार्ड का आइडिया किशोर का ही है। इससे पहले वो बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को सुशासन बाबू का तमगा दिला चुके हैं और वहीं पंजाब में अमरिंदर सिंह के चुनावी लड़ाई में भी ऐसे ही गारंटी कार्ड के आइडिए को उन्होंने भुनाया था।
आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए किशोर ने AAP को "गारंटी कार्ड" योजना का आइडिया दिया। जिसमें जनता के लिए ढेरों मूलभूत चीजों को मुफ्त मुहैया करवाने का वादा किया गया है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 पूरी तरह सीएम केजरीवाल के नाम पर लड़ा। पार्टी ने केजरीवाल को एक ब्रैंड के तौर पर स्थापित कर दिया। इस कार्ड के जारी होने से संकेत मिलता है कि दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल के रणनीतिकारों ने AAP के बजाय ब्रांड केजरीवाल पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। ये आइडिया किशोर का ही था क्योंकि वे जनता के बीच केजरीवाल को ब्रांड के तौर पर लेकर उतरे।
इस बीच केजरीवाल खुद पर आरोप लगाकर जनता से उसे जवाबदेह ठहराने की अपील करते दिखे। आप द्वारा ब्रांड केजरीवाल पर ध्यान केंद्रित करने और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा न होने की कमी के कारण AAP प्रमुख ने दिल्ली की जनता को पूरी तरह खुद पर केंद्रित किया।
प्रशांत किशोर ने गारंटी कार्ड आइडिया का पहला परीक्षण 2015 में किया जब जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। तब “नीतीश के सात निश्चय” (नीतीश कुमार के सात संकल्पों) के नाम से एक गारंटी कार्ड लाया गया था। इससे नीतिश कुमार को सुशासन बाबू का तमगा मिला। फिर 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान यही कॉन्सेप्ट "कैप्टन डे नौ नुक्ते" (कैप्टन के नौ समाधान) के रुप में इस्तेमाल में लाया गया। अमरिंदर सिंह सत्ताधीन पार्टी अकाली दल और भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। 2019 में एक बार फिर जब वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को ले रहे थे, रेड्डी ने अपने "जगन्नाथ नवरत्नलु" (बड़े भाई पवन के नौ रत्न) जारी किए थे। इसमें नौ संकल्पों को जनता को भरोसा दिलाने के लिए नौ संकल्पों की बात की गई।
केजरीवाल को सलाह देने वाले प्रशांत किशोर इन तीनों अभियानों में रणनीतिकार थे। केजरीवाल के गारंटी कार्ड पर किशोर के फिंगरप्रिंट्स मौजूद हैं। उन्होंने पर्दे के पीछे से दिल्ली सीएम को ब्रांड बनाकर दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि गढ़ी जिसका फायदा आप को मिलता दिख रहा है।