नई दिल्ली। उर्जा क्षेत्र (Power Sector) में कोयला (coal) की वजह से आए संकट के बाद अब मंत्रालय (Ministry of Power) कई तरह के रिफार्म करने में लगा हुआ है। बिजली मंत्रालय ने बिजली वितरण कंपनियों को बिजली खपत के लिए जवाबदेह बनाया है। बिजली वितरण कंपनियों (electricity distribution companies) को यह बताना होगा कि कंज्यूमर बेसिस पर कहां-कितना खपत हो रहा, किस क्षेत्र में कितना लॉस हो रहा। किस एरिया में कितना ट्रांसमिशन हुआ। किसी स्वतंत्र एनर्जी ऑडिटर (independent energy auditor) से सालाना एनर्जी ऑडिट (Annual Audit) भी कराया जाना अनिवार्य किया गया है। उर्जा मंत्रालय ने एनर्जी कन्जर्वेशन एक्ट 2001 (Energy Conservation Act 2001) के तहत ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएन्सी (Bureau of Energy Efficiency) द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय के इस आदेश से बिजली चोरी को प्रश्रय देने वाले या लापरवाह अधिकारियों की भी जवाबदेही फिक्स हो जाएगी।